- साढ़े नौ हजार आवेदन में 6 हजार के ही आवेदन हुए क्लियर, कनेक्शन बांटना बाकी

>BAREILLY:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना बरेली में रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। तभी तो अब तक आए करीब साढ़े हजार से ज्यादा आवेदन में छह हजार आवेदन ही क्लीयर हो सकें। जबकि आवेदनकर्ताओं को अभी तक कनेक्शन नहीं उपलब्ध कराया जा सका है। जबकि योजना का लाभ पाने वाले लोग एजेंसी का चक्कर लगाकर-लगाकर थक गए हैं।

अभी तक आए 9,600 आवेदन

पीएम नरेंद्र मोदी ने योजना की शुरुआत दो महीने पहले की थी। गैस एजेंसियां एक अप्रैल से योजना के तहत गैस कनेक्शन बांटने का काम कर रही हैं। जिले से टोटल 9,600 आवेदन अभी तक आए हैं। इनमें बीपीसी के 4,600, इंडेन के 4,000 और एचपीसी के 1,000 आवेदन विभिन्न गैस एजेंसियों को प्राप्त हुए हैं, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से सौंपे गए 29 डिजिट के नंबर के फेर में फंस 9,600 आवेदन में से मात्र 6,000 आवेदन ही क्लियर हो सके हैं।

जनगणना का डाटा बना मुसीबत

केंद्र सरकार ने जो डाटा एलपीजी कंपनियों को सौंपा है। वह 2011 की जनगणना के आधार पर है। जिनमें मुखिया का नाम और घर के बाकी सदस्यों के नाम भी शामिल हैं। एएचएल टिन नंबर जो कि 29 डिजिट का है। कम्प्यूटर में फीड करने पर लाभार्थियों की डिटेल सामने आ जाती है। जिसमें मुखिया और बाकी सदस्यों के नाम मैच करने पर लाभार्थी को गैस कनेक्शन जारी कर दिए जाते हैं, लेकिन बहुत से लोगों के डाटा का मिलान केंद्र सरकार की ओर से सौंपे गए 29 डिजिट के नंबर से नहीं हो पा रहा है।

केंद्र सरकार ने साैंपी है लिस्ट

- 2,01,600 शहर क्षेत्र

- 8,05,200 ग्रामीण क्षेत्र

कनेक्शन के लिए आए आवेदन

- 4,600 बीपीसी।

- 1,000 एचपीसी।

- 4,000 इंडेन।

जिले भर से 9 हजार से अधिक आवेदन उज्ज्वला योजना के तहत आए हैं। इनमें से 6 हजार आवेदन ही क्लियर हो पाए हैं। डाटा मैच नहीं करने से गैस कनेक्शन जारी करने में दिक्कत आ रही है।

कैलाश गुप्ता, एरिया मैनेजर, इंडियन ऑयल