-मानकों को ताक पर रखकर 132 में से 123 प्रोफेसर्स की एग्जाम में लगा दी ड्यूटी

-नकल रोकने में 'अक्षम' बीसीबी एडमिनिस्ट्रेशन ने झोंकी ताकत

BAREILLY

एलएलबी एग्जाम के दौरान बीसीबी में क्लासेज सूनी पड़ना तय है, क्योंकि नकल रोकने के लिए कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी ही। इस क्रम में 132 टीचर्स में 123 को इनविजिलेटर बना दिया गया है। जबकि, नियमानुसार 45 टीचर्स की ड्यूटी काफी है। लिहाजा, टीचर्स का क्लास ले पाना संभव नहीं है। जबकि, मार्च से यूजी-पीजी के भी एग्जाम स्टार्ट हो रहे हैं। इनके कोर्सेज अधूरे हैं। ऐसे में क्लासेज न चलने से इन स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित होगी।

19 से शुरू होंगे एग्जाम

एलएलबी के एग्जाम 19 से शुरू होंगे, जो 29 जनवरी तक चलेंगे। करीब 660 स्टूडेंट्स एग्जाम देंगे। इन एग्जाम का मेन एग्जाम पर बहुत असर पड़ेगा। यदि बीसीबी एलएलबी एग्जाम में नकल रोकने में कामयाब हो जाता है, तो मेन एग्जाम में नकल पर अंकुश रहेगा। वहीं इस एग्जाम में नकल होती है, तो मेन एग्जाम में नकल रोक पाना मुसीबत का सबब होगा। इसलिए बीसीबी मैनेजमेंट एलएलबी में नकल रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। नकल रोकने के जुनून में बीसीबी मानक तक भूल गया। उसने 132 में से 123 प्रोफेसर्स की ड्यूटी एलएलबी के एग्जाम में नकल रोकने के लिए लगा दी है, जबकि मानक के अनुसार 20 स्टूडेंट्स पर एक कक्ष निरीक्षक की तैनाती की जाती है। एग्जाम ड्यूटी का निर्धारण 10 प्रतिशत मार्जिन लेकर किया जाता है, ताकि कोई प्रोफेसर बीमार पड़ जाए या उसे काम लग जाए तो अतिरिक्त प्रोफेसर की ड्यूटी एग्जाम में लगाई जा सके। इस मानक के अनुसार अधिकतम 45 प्रोफेसर्स की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक और उड़नदस्ते के रूप में लगाई जानी थी।

पढ़ाई पर पड़ेगा असर

मैनेजमेंट ने राजनीति शास्त्र विभाग में कार्यरत आठ में से छह प्रोफेसर्स की ड्यूटी एलएलबी के एग्जाम में लगा दी है। वहीं साइंस के प्रोफेसर्स को भी कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।

वर्जन

अधिकांश प्रोफेसर्स की ड्यूटी इसलिए लगाई गई है, ताकि स्टूडेंट्स नकल नहीं कर सकें। कॉलेज की प्राथमिकता नकल को रोकना है।

डॉ। आरबी सिंह, प्राचार्य बीसीबी