बरेली (ब्यूरो)। इजहार-ए-मोहब्बत हो या खुद को हेल्दी रखने की बात, दिमाग में सबसे पहले दिल का ही ख्याल आता है। ऐसे में दिल का फिट एंड फाइन होना सबसे जरूर है। दिल की इंपोर्टेंस को समझने और समझाने के लिए ही हर वर्ष 29 सितंबर को वल्र्ड हार्ट डे मनाया जाता है। इस डे के अवसर पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट भी दिल की बीमारियों से बचने के कुछ स्टेप्स अपनी इस रिपोर्ट में शेयर कर रहा है, जिसको आप भी जानिए।

इसलिए आया विचार
हार्ट से जुड़ी बीमारियों और हार्ट अटैक के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए एंटनी बेयस डी लूना ने वल्र्ड हार्ट डे मनाने का विचार सबसे पहले दिया था। वल्र्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष रहे एंटनी बेयस डी लूना ने सितंबर के आखिरी संडे को इस दिन को मनाने के लिए चुना था। फेडरेशन और डब्ल्यूएचओ ने मिलकर इस दिन को मनाने की स्टार्टिंग की। बाद में इसे 29 सितंबर को ही सेलिब्रेट किया जाने लगा।

हार्ट डे की थीम
वर्ड हार्ट डो की इस वर्ष की थीम &यूज हार्ट, नो हार्ट&य निर्धारित की गई है। इसका मतलब है कि सभी को अपने दिल की केयर करनी चाहिए। तभी वह दूसरे के दिल की केयर कर सकेंगे।

चौंकाने वाले आंकड़े
डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष लगभग एक करोड़ 79 लाख लोगों की सिर्फ कार्डियोवस्कुलर डिजीज की वजह से ही डेथ हो रही है। कोविड के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। ऐसे में हार्ट के प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है।

क्यों होता है जेंडर डिफ्रेंस
कार्डियोलॉजिस्ट मानते हैैं कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुष दिल की बीमारियों का अधिक शिकार होते हैैं। फिमेल जब मेनोपॉज में आ जाती हैं तो उनमें भी हार्ट की समस्या मेल की तरह ही होने लगती है। हाल के केसेस को देखा जाए तो हार्ट डिजीज में उम्र का बैरियर समाप्त होता प्रतीत हुआ।

कराएं ईसीजी
लाइफस्टाइल में बदलाव भी हार्ट अटैक का कारण है। चिकित्सक बताते हैैं कि 40 वर्ष की उम्र वालों को इको और ईसीजी करवाना चाहिए। वहीं जिम जाने वाले 20 वर्ष से अधिक लोगों को भी ईसीजी करवाना चाहिए। साथ ही जिम में जाकर एक दम हैवी वर्कआउट करने से बचना चाहिए। एक्सपट्र्स बताते हैैं कि 60 परसेंट मेल और 40 परसेंट फीमेल को हार्ट की समस्या होती है।

यह करें डायट में शामिल
जिला अस्पताल की डायटीशियन डॉ। रोजी जैदी ने बताया कि हार्ट के रोगी को सेब और आंवले के मुरब्बे का सेवन अवश्य करना चाहिए। लहसुन का भी नियमित सेवन करना उपयोगी होता है। इसके अलावा कुछ मुख्य आहार भी दिल को हेल्दी बनाने में मददगार होते हैं, जिनमें चोकर युक्त वाले अनाज जौ, गेहूं ज्वार, बाजरा आदि शामिल हैं।

दालें हैं हार्ट फ्रेंडली
डायटीशियन के अनुसार दालों का सेवन भी हार्ट के लिए फायदेमंद है। इनमें मूंग, अरहर, मसूर, सोयाबीन और मटर प्रमुख हैं। हार्ट पेशेंंंट्स को सब्जियों में लौकी, परवल, करेला, तोरई, टिंडे, टमाटर, पालक, ब्रोकली, हरा धनिया, मेथी, गाजर, लहसुन, शिमला मिर्च आदि का सेवन करना लाभदायक होता है।

फल का सेवन
फलों में सेव, स्ट्रॉबेरी, काला अंगूर, अमरूद, पपीता, नाशपाती, केला, आलूबुखारा, अनार आदि फलों का सेवन करना चाहिए। सूखे मेवों में अखरोट, चैरी, बादाम, अंजीर, ब्लूबेरी, क्रेनबेरी आदि का सेवन करना चाहिए

ये उपाय अपनाएं
ध्यान, योग व प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
नियमित सात से आठ घंटे पर्याप्त नींद अवश्य लेनी चाहिए
अत्यधिक तनाव व चिंता से मुक्त रहना चाहिए
धूम्रपान, अल्कोहल आदि नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
दिन और रात का भोजन समय पर करना चाहिए
भोजन करने के बाद नियमित कुछ कदम अवश्य चलना चाहिए
घर में बना ताजा भोजन व हल्का गर्म भोजन करना चाहिए
भोजन चबा चबा कर व धीरे-धीरे करें
सुबह जल्दी उठने को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

बोले स्पेशलिस्ट्स
महिलाओं की अपेक्षा पुरुष दिल की बीमारियों का अधिक शिकार होते हैैं। 40 वर्ष की उम्र वालों को इको और ईसीजी करवाना चाहिए। वहीं जिम जाने वाले 20 वर्ष से अधिक लोगों को भी ईसीजी करवाना चाहिए। साथ ही जिम में हैवी वर्कआउट से भी बचना चाहिए।
डॉ। पवन गोयल, कार्डियोलॉजिस्ट

हार्ट से जुड़ी तमाम बीमारियां अस्वस्थ जीवन शैली, अनियमित खानपान, धूम्रपान और पौष्टिक आहार का सेवन न करने से होती हैैं। हार्ट के रोगी को पोषक तत्वों युक्त भोजन व सात्विक आहार का सेवन करना दिल को स्वस्थ बनाने में मददगार होता है।
रोजी जैदी, डायटीशियन