वार्ड संख्या - 15, हरुनगला

वार्ड सभासद - सुनीता यादव, ग्रेजुएट

जनसंख्या - 18,000

वोटर्स - 9500

वार्ड में मोहल्ले - हरुनगला, ग्रीन पार्क, ग्रीन पार्क विस्तार, गोल्डन ग्रीन पार्क, ग्रेटर ग्रीन पार्क, खुशबू इंक्लेव, पंचशील कॉलोनी, फाईक इन्क्लेव, मां वैष्णो पुरम, पवन बिहार, गणेशपुरम, बालाजी पुरम, बजरंग इंक्लेव, संसार इंक्लेव

BAREILLY:

शहर के पॉश वा‌र्ड्स की फेहरिस्त में हरुनगला का भी नाम शुमार है। लेकिन अन्य पॉश वा‌र्ड्स में अव्यवस्थाओं की भरमार की दिक्कत से हरुनगला भी अछूता नहीं है। इस वार्ड में भी वॉटर सप्लाई, ड्रेनेज व सीवर लाइन जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद है। वार्ड के निवासियों के मुताबिक पार्षद ने नगर निकाय चुनाव के दौरान किए गए वादों में से ज्यादातर वादे पूरे किए हैं। लेकिन सबसे जरूरी पेयजल की समस्या को वह दूर करने में नाकाम रहे। 18 हजार की जनसंख्या वाले वॉर्ड में 2879 ही बतौर करदाता रिकॉ‌र्ड्स में दर्ज हैं। इसमें भी महज 648 लोग ही सालाना अपना कर जमा करने की जिम्मेदारी निभाते हैं। वार्ड में सबसे ज्यादा व्यापारिक काम होने के बावजूद लोग समय पर टैक्स अदा नहीं कर रहे। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने वॉर्ड स्कैन मुहिम के तहत जिम्मेदारों के दावों की हकीकत को वॉर्ड संख्या 15 के निवासियों की जुबानी जानी। पॉश एरिया होने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां का हाल भी बेहाल ही है।

हक और हकीकत

गड्ढों में सड़क

वार्ड में कॉलोनियां के अंदर की सड़क को छोड़ दें तो ज्यादातर सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। हाइवे के किनारे बसे होने की वजह से इस एरिया में सड़कों पर हाल ही में पैचवर्क कराए गए हैं। पर लेकिन पैचवर्क में गड़बडि़यों की आशंका के चलते यह कब तक गड्ढा मुक्त रहेंगे यह बताना कठिन है। ग्रीन पार्क एरियाज की सड़क काफी अच्छी हालत में है, लेकिन अन्य मोहल्लों की रोड बेहद जर्जर हो गई हैं। यहां बारिश में समस्या बद से बदतर हो जाती है।

गंदगी का अंबार

यहां मुख्यमार्ग कूड़ों के ढेर में तब्दील होते जा रहे हैं। कॉलोनीज के बाहर हालात बद से बदतर हैं। चारों ओर सड़क के किनारे का एरिया डलावघर में तब्दील हो गया है। सफाईकर्मी डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के बाद बाहर डाल जाते हैं। वहीं, निगम की कूड़ा गाडि़यां नदारद होने की वजह से यहां आवारा पशु कचरे को सड़कों पर फैला देते हैं। बदबू और गंदगी के बीच से ही राहगीरों को गुजरना पड़ता है।

चोक नाला

नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता और पार्षद की अनदेखी से नाले पूरी तरह चोक हो गए हैं। दरअसल वार्ड के नालों के ऊपर अवैध कब्जे हो गए हैं। दुकाने बनाकर गंदगी नालों पर फेंकी जा रही है। अवैध कब्जे होने से इनकी सफाई में दिक्कत होती है। बारिश में यही कूड़ा कचरा उफनाकर सड़कों पर फैल जाता है। इलाके में सीवर लाइन न होने से घरों से निकले अपशिष्ट का निस्तारण नालों के जरिए नकटिया नदी में गिराया जा रहा है।

अतिक्रमण का दर्द

वार्ड में धीरे-धीरे व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आने से वार्ड में फोरलेन भी संकरे होने लगे हैं। बीसलपुर रोड पर ठेले खोमचे के अलावा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के ओनर्स ने नालों पर ही नहीं सड़कों पर भी अतिक्रमण कर लिया है। सड़के संकरी होने से लोगों को राह से गुजरने में और वाहन निकालने में दिक्कत होती है। कई बार पार्षद और निवासियों ने यहां अतिक्रमण अभियान चलाने की मांग की पर कार्रवाई नहीं हुई।

अवैध निर्माण

शहर के अंदर जमीन मुहैया न होने से पीलीभीत बाईपास पर सैकड़ों निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं। बाईपास समेत अन्य इलाकों के मुख्यमार्गो पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स और कॉम्पलेक्स समेत बारात घरों का निर्माण हो रहा है। निवासियों के मुताबिक ज्यादातर अवैध निर्माण कार्य जनप्रतिनिधि व बड़े बिजनेसमैन के ही हो रहे हैं। ऐसे में कार्रवाई कागजों तक सीमित है।

पब्लिक डिमांड

- सीवर और वॉटर लाइन बिछाई जाए

- अवैध निर्माण पर नियमानुसार कार्रवाई हो

- मुख्यमार्गो को डलावघर बनने से रोका जाय

- सड़कें अतिक्रमण और गड्ढामुक्त हों

- एमपी, एमएलए बनने के बाद कॉलोनी में आएं

- नगर निगम आश्वासन के बजाय समस्या सुलझाए

वॉर्ड बोलता है

वॉटर और सीवर लाइन न बिछने की वजह से कई इलाकों में मूलभूत समस्याएं बरकरार हैं। कई सारे निर्माण कार्य हुए पर चंद समस्याएं वार्ड की दशा को खराब किए हुए हैं। नगर निगम जिम्मेदार है।

रजनीश यादव, बिजनेसमैन

शहर के कई वार्ड से इस वार्ड के हालात बेहतर हैं। हालांकि, अतिक्रमण और अवैध निर्माण समेत अन्य समस्याएं हैं। जिसके चलते अब यहां भी समस्याओं का अंबार लगने लगा है।

श्रीओम द्विवेदी, सर्विस पर्सन

वार्ड में पार्षद ने कई विकास कार्य कराए हैं। चोक नाला और कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या है। जो सॉल्व हो जाय तो ज्यादातर लोग यहीं अपना आशियाना बनाना चाहेंगे।

अजय सिंह, बिजनेसमैन

पार्षद अपने वादों पर खरी उतरी हैं। पर कुछ समस्याओं का हल उनके पास नहीं हैं। क्योंकि वॉटर या सीवर लाइन बिछाने का काम नगर निगम के जरिए होने हैं।

प्रवीण वर्मा, सर्विसपर्सन

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जवाब दो पार्षद जी

रिपोर्टर - अतिक्रमण हटाने के लिए क्या प्रयास हो रहे हैं?

पार्षद - अतिक्रमण के लिए कई बार बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव रखा पर वह अभी तक विचाराधीन ही हैं। निवासी भी शिकायत कर चुके हैं। जब अधिकारी ही अनदेखी कर रहे हैं तो पार्षद क्या कर सकता है।

रिपोर्टर - कूड़ा कचरा निस्तारण के लिए क्या किया आपने?

पार्षद - डोर टू डोर योजना के तहत कूड़ा उठ रहा है। पर सफाईकर्मी कूड़ा मुख्यमार्गो के किनारे रख देते हैं। ताकि नगर निगम की गाड़ी उन्हें उठा ले। पर जब कूड़ा वाहन उन्हें उठाने ही नहीं आ रहा है। जिसकी वजह से मुख्य मार्ग कूड़े से पट रहे हैं।

रिपोर्टर - अवैध निर्माण रोकने के लिए क्या कार्रवाई हुई?

पार्षद - अवैध निर्माण बगैर अधिकारियों की मिलीभगत के संभव नहीं है। क्योंकि इनका इंफोर्समेंट दस्ता मंडराता रहता है। नोटिस जारी होती है पर कार्रवाई नहीं होती। अवैध निर्माणों की शिकायत हुई पर एक्शन दिखाई नहीं दिया।

रिपोर्टर - वॉटर, सीवर लाइन के लिए क्या प्रयास किए?

पार्षद - इन्हें बिछाने के लिए कई बार प्रस्ताव रखा पर अभी तक कुछ नहीं हुआ। यहां सिर्फ भवन टैक्स ही लिया जता है। जबकि यहां अगर यह लाइनें बिछ जाएं तो यह एरिया नगर निगम के अन्य वार्डो से ज्यादा टैक्स अदा करने वाला एरिया बन जाएगा।