बिजली कटौती से हुई परेशानी

9.25 लाख की आबादी पर 52 पानी की टंकियां सिटी में हैं। इन टंकियों में पानी की पम्पिंग करने के लिए मोटर्स का यूज किया जाता है। लगभग सभी टंकियों में पानी पंप करने का काम सुबह का होता है मगर इन दिनों इलेक्ट्रिसिटी की कटौती सिटी के कई हिस्सों में मॉर्निंग में की जा रही है। सुबह 8 से 10 बजे तक इलेक्ट्रिसिटी न होने से वाटर डिपार्टमेंट के स्टाफ को पानी की टंकियों में पानी पम्पिंग करने में परेशानी हो रही है। ये प्रॉब्लम सबसे ज्यादा पूराने शहर में सामने आ रही है।

जनरेटर है नाकाफी

कोढ़ पर खाज जैसा मामला तब बन जाता है, जब इलेक्ट्रिसिटी न होने पर वाटर पम्पिंग के लिए नाकाफी जनरेटर का यूज लिया जाता है। इससे टंकियां पूरी तरह से नहीं भर पा रही है। नगर निगम के पास जनरेटर तो मौजूद हैं मगर 52 पानी की टंकियों पर जनरेटर है सिर्फ 4, जिनमें से 2 की कंडीशन ठीक नहीं है। यह जनरेटर हर एंगल से पानी की उपलब्धता को बनाये रखने के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं। निगम के अधिकारी भी इन जनरेटर का इस्तेमाल सिर्फ उन जगहों पर कर पा रहे हैं जहां इलेक्ट्रिसिटी न होने की सबसे ज्यादा संभावना बनी रहती है। वाटर डिपार्टमेंट के आर.बी राजपूत के अकॉर्डिंग सिटी के ज्यादातर हिस्सों मेें पानी की सप्लाई में परेशानी हो रही है।

पानी की supply कम

वाटर डिपार्टमेंट के वाटर सप्लाई के आकड़े भी यही सच्चाई के गवाह बन रहे हैं। वर्तमान में पानी की उपलब्धता सिर्फ 110 एलपीसीडी है जबकि स्टैंडर्ड 135 एलपीसीडी का है। वाटर डिपार्टमेंट खुद मानता है कि प्रति व्यक्ति 30 एमएलडी पानी कम सप्लाई हो रही है। इस स्थिति की हाल फिलहाल सुधरने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है।

व्यवस्था पर काबू पाने के लिए हम कोशिश कर रहे हैं। निकाय चुनाव के मद्देनजर कई काम रुके हुए थे। बजट की कमी से हमे कई डायरेक्शन में उचित कदम उठाने में परेशानी हो रही है।

- आर.बी राजपूत, चीफ इंजीनियर, वाटर डिपार्टमेंट