-ग्रीन बेल्ट पर लगातार सूख या सुखाए जा रहे हैं पेड़

ग्रीनरी की सुरक्षा को फारेस्ट डिपार्टमेंट के पास स्टाफ का टोटा

बरेली। ग्लोबल वार्मिग और पॉल्यूशन के खतरे से बचने के लिए भले ही ग्रीनरी को बचाने और बढ़ाने की बात कही जा रही हो, लेकिन बरेलियंस इसका महत्व नहीं समझ रहे हैं। शहर में ग्रीनरी लगातार सिमटती जा रही है। वर्षो पुराने पेड़ कहीं सूख रहे हैं तो कहीं सुखाए जा रहे हैं। इसकी परवाह न तो जिम्मेदार अधिकारियों को है और न ही बरेलियंस को।

हाईवे किनारे है ग्रीन बेल्ट

शहर से होकर गुजर रहे स्टेट और नेशनल हाईवे के दोनों और ग्रीन बेल्ट घोषित है। हर साल यहां नया प्लांटेशन भी कराया जाता है। सोशल फारेस्ट्री डिपार्टमेंट के पास इसकी जिम्मेदारी है। इसके अलावा यहां ग्रीनरी बढ़ाने और बचाने की जिम्मेदारी कहीं न कहीं प्रशासन के पास भी है। इसके बाद भी ग्रीनरी सिमटती जा रही है।

पीलीभीत बाईपास से गायब हो रही ग्रीनरी

कुछ साल पहले तक पीलीभीत बाईपास के दोनों और बड़ी संख्या में पेड़ लगे थे। लगातार बढ़ती आबादी के चलते अब यह हाईवे कामर्शियल हाईवे बन कर रह गया है। इसके दोनों तेजी से बड़े-बड़े शॉपिंग कॉप्लेक्स, मैरिज लॉन, होटल, व्हीकल शोरूम, हॉस्पिटल्स बन गए। इसके चलते बड़ी संख्या में पेड़ काट दिए गए। यही हाल सौ फुटा रोड, मिनी बाई पास, बरेली-दिल्ली हाईवे सहित अन्य सड़कों का भी है।

सुखाकर खत्म की जा रही ग्रीनरी

हाईवे किनारे ग्रीप बेल्ट में लगे पेड़ सूख रहे हैं। यह पेड़ सूख रहे हैं या फिर जानबूझ कर सुखाए जा रहे हैं यह जानने की कोशिश भी जिम्मेदार नहीं कर रहे हैं। बताया जाता है कि अपने प्रतिष्ठान के सामने लगे पेड़ों को काटने की बजाए उनकी जड़ों में एसिड डाल दिया जाता है, जिससे पेड़ कुछ समय बाद सूख जाता है और फिर इसे गिरा दिया जाता है।

बिना गीनरी कैसी स्मार्ट सिटी

स्मार्ट सिटी की कवायद में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को भी शामिल किया गया है। इसके लिए नगर निगम को जगह चिह्नित कर वहां लार्ज स्केल पर प्लांटेशन करना है। यह कवायद कब शुरू होगी और शुरू होने के कितने सालों बाद शहर में ग्रीनरी बढ़ेगी, इसका तो पता नहीं, पर नगर निगम शहर की उजड़ती ग्रीनरी की अनदेखी जरूर कर रहा है।

पूरा नहीं कर सके टारगेट

वर्ष 2019 में शहर में करीब चार लाख पौधे लगाने का टारगेट दिया गया था, लेकिन कई विभाग अपने हिस्से का टारगेट ही पूरा नहीं कर सके। इसे लेकर कार्रवाई की भी बात कही गई थी, लेकिन अब तक एक्शन नहीं हुआ।

वन विभाग डिस्ट्रक्ट में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए हर साल बड़ी सं?या में प्लांटेशन कराता है। इनकी देखरेख के लिए विभाग के पास स्टाफ की भारी कमी है। अगर हाईवेज के किनारे पेड़ सूख रहे हैं तो इसका कारण जाना जाएगा। अगर पेड़ सुखाए जा रहे होंगे तो इसके लिए जि?मेदार के खिलाफ कार्रवाई भी काराई जाएगी। ग्रीनरी को बचाने और बढ़ाने की जि?मेदारी आम लोगों को भी समझनी होगी। अवेयरनेस से ही ग्रीनरी बढ़ाई जा सकती है।

भरत लाल, डीएफओ