गोरखपुर (ब्यूरो).दरअसल, ट्रांसमिशन जोन उत्तर-पूर्व गोरखपुर क्षेत्र के खजनी, निचलौल व बस्ती के रूधौली तहसील क्षेत्र में बेहतर बिजली सप्लाई के लिए 34 करोड़ की लागत से तीन 132 केवी ट्रांसमिशन बिजलीघर बनाए जा रहे हैं। ये तीनों बिजली घर सीएम योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में हैं। इससे गोरखपुर, महराजगंज व बस्ती में लाखों परिवारों को बेहतर बिजली सप्लाई के माध्यम से राहत मिलती, लेकिन बिजली घर बनाने का काम कछुआ गति से चल रहा था। यूपी पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड की समीक्षा बैठकों में कई बार ये बात सामने आई। शासन की ओर से इन बड़ी कंपनियों से इस बारे में जवाब तलब भी हुआ। बावजूद इसके इन फर्मों की मनमानी के कारण एक साल में महज दो से 10 फीसदी काम ही बिजली घर निर्माण की दिशा में हो सका। काम की तय मियाद पूरी होने के बाद ये कंपनिया अब अवधि विस्तार मांग रही थीं। स्थानीय अधिकारी इन कंपनियों को बार-बार पत्र लिखकर काम की गति बढ़ाने को चेताते रहे, लेकिन इन कंपनियों ने ध्यान नहीं दिया। ऊर्जा भवन लखनऊ में 19 जुलाई को चेयरमैन की समीक्षा के दौरान मामला उठा। इस बार सख्त रुख अपनाते हुए चेयरमैन ने तीनों फर्मों का अनुबंध कैंसिल कर दिया। उन्हें आगे किसी भी काम से डिबार घोषित कर दिया। मेसर्स सिंपलेक्श, धनलक्ष्मी व क्वैश क्राप नाम की ये तीनों फर्में अगले आदेश तक बिजली निगम में कोई भी नया काम नहीं पा सकेंगी।