गोरखपुर (ब्यूरो).पंडित शरद चंद्र मिश्रा ने बताया कि 18 जुलाई को सावन मास का प्रथम सोमवार है। इस दिन पूर्वा भाद्रपद और उत्तराभाद्र नक्षत्र का सुयोग और चंद्रमा की स्थिति मीन राशि है। राशि स्वामी बृहस्पति देव रहेंगे। शोभन योग होने से इस दिन का व्रत शुभता की अभिवृद्धि करने वाला रहेगा। पूर्व पापों का उपशमन करके सद्गुणों की ओर ले जाने वाला है।

सोमवार का है विशेष महत्व

ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार, सावन मास में सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। सावन मास में भगवान आशुतोष की पूजा का विशेष महत्व है। जो भक्त प्रतिदिन नियमपूर्वक पूजा न कर सके, उन्हें सावन मास में शिव पूजा और व्रत रखना चाहिए। सावन महीनें मे जितने भी सोमवार होते हैं उन सबमें शिवजी का व्रत किया जाता है। श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवालयों में पहुंचते हैं। ऐसे में शिवालयों में तैयारियां की जा रही है।

ऐसे में पूजन

ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन के अनुसार, सोमवार को शिवालय जाकर पंचाक्षरी मंत्र के साथ दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पंचामृत, इत्र, फलों के रस, गंगाजल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करें। चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल, आदि कई सामग्रियों से महादेव का अभिषेक करें। इसके बाद फूल, दूर्वा, बिल्वपत्र, आकपुष्प, धतूरा, कनेल आदि चढ़ाएं। अभ्रक, भांग आदि अर्पित करने के बाद नैवेद्य, फलों से भोग लगाएं। श्रीफल भेंट करने के बाद धूप-दीप से आरती करें।

सावन के पहले सोमवार को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। सुबह तीन बजे मंदिर के कपाट श्रद्धलुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। श्रद्धालुओं को मंदिर के उत्तरी द्वार से प्रवेश मिलेगा और वह पूर्वी गेट से बाहर निकल सकेंगे। उम्मीद है की 50 हजार से अधिक लोग सावन के पहले सोमवार पर महादेव का जलाभिषेक करेंगे।

- पंडित रमानाथ, पुजारी मुक्तेश्वरनाथ शिव मंदिर राजघाट

तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दर्शनार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए स्वयंसेवक लगाए गए हैं। सुबह साढ़े चार बजे भक्तों के लिए मंदिर का द्वार खुल जाएगा। रात 10 बजे तक भक्त भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। श्रद्धालुओं को जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक में कोई मुश्किल न हो, इसलिए रुद्राभिषेक 10 बजे के बाद होंगे।

- शिव पूजन तिवारी, कोषाध्यक्ष, महादेव झारंखडी शिव मंदिर सेवा समिति