गोरखपुर (ब्यूरो).हादसे के बाद विभागीय अधिकारी और न ही स्कूल संचालक गंभीर नजर आ रहे हैं। स्कूल संचालक मानक के अनुरूप बस चलाने का दावा कर रहे हैं। विभाग की ओर से अनफिट स्कूली वाहन संचालकों को कई बार नोटिस जारी किया गया है। जिले में करीब 2042 स्कूली बसें रजिस्टर्ड हैं। इसमें से अभी भी छोटे-बड़े मिलाकर करीब 583 स्कूली वाहन अनफिट है। हालांकि वाहनों का फिटनेस जांचने के लिए पिछली बार आरटीओ की ओर से अभियान चलाया गया है। इस दौरान कई बसों का चालान भी किया गया लेकिन यह अभियान सुस्त पड़ गया। केवल अनफिट वाहनों को नोटिस भेज दिया जाता है। यहीं वजह रही कि धड़ल्ले से अनफिट वाहनों का संचालन होता रहा।

बस संचालक नहीं दिखा रहे इंट्रेस्ट

स्कूलों की ओर से बच्चों के परिजनों से ट्रांसपोर्टशन के नाम पर फीस तो पूरी वसूल की जाती, बावजूद इसके मासूमों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। हैरानी तो यह है कि आरटीओ में स्कूली वाहनों के रूप में रजिस्टर्ड 2062 वाहनों में अभी भी 583 का फिटेनस ही नहीं हुआ है। इसके लेकर आरटीओ की तरफ से स्कूल प्रबंधकों को कई बार नोटिस भेजा जा चुका है। साथ ही निरस्त करने की कार्रवाई भी की गई। इसके बावजूद भी बस संचालक वाहनों का फिटनेस कराने में इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहे हैं।

आरटीओ ने फिर नोटिस भेजकर की सख्ती

अनफिट बसें अभी भी नियम को ताक पर रखकर सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं। हालांकि आरटीओ की ओर से बिना फिटनेस सड़को पर दौड़ रहे वाहनों को लेकर सख्ती की गई है। सभी वाहन मालिकों को नोटिस जारी करते हुए वाहनों को कैंसिल भी कर दिया गया है। इन गाडिय़ों में स्कूली बस और मैजिक गाडिय़ां भी शामिल हैं। कुछ गाडिय़ां गीडा भी पहुंची हैं। जिनका फिटनेस हुआ है, लेकिन स्कूल खुल जाने के बाद भी तमाम प्रबंधक अभी भी इसे लेकर बेपरवाह बने हुए हैं।

एआरटीओ प्रशासन संजय कुमार झा ने बताया कि आरटीओ में रजिस्टर्ड 583 गाडिय़ों का फिटनेस पेंडिंग हैं। कई वाहनों को फिटनेस फेल होने पर मई माह में ही उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है। जल्द ही अभियान चलाकर अनफिट वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- संजय कुमार झा, प्रशासन एआरटीओ