गोरखपुर (ब्यूरो)।वह आए दिन कार्ड के लिए सीएमओ ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं, मगर इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है। बताते चलें कि जिले में आयुष्मान स्कीम मरीजों के इलाज के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है। इस स्कीम के तहत अब तक 1,21,775 मरीजों का इलाज मिल चुका है। खास बात यह है कि इसमें से 95 परसेंट मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज मिला है।

पौने दो लाख परिवार अछूते

जिले में महज छह लाख 24 हजार 221 लाभार्थियों के ही कार्ड बन सके हैं। ये लोग दो लाख 66 हजार 780 परिवारों से जुड़े हैं। अभी भी करीब पौने दो लाख परिवारों एक भी सदस्य के गोल्डेन कार्ड नहीं बन सके हैं। जिले में आयुष्मान स्कीम के तहत चार लाख 32 हजार 894 परिवार शामिल हैं। इसमें 19 लाख 39 हजार 528 लोगों के गोल्डेन कार्ड बनने हैं। अब तक महज 32 परसेंट लोगों के ही कार्ड बन सके हैं। जिले में 68 परसेंट लाभार्थियों के कार्ड अब तक नहीं बन सके हैं। इसके बावजूद आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड बनाने में जनपद सूबे में चौथे स्थान पर है।

हर पांचवें लाभार्थी को मिला इलाज

आयुष्मान स्कीम के नोडल अधिकारी डॉ। एके सिंह ने बताया कि जिले में यह स्कीम पूरी तरह सफल है। अब तक छह लाख 24 हजार 221 लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड बने हैं। इनमें से एक लाख 21 हजार 775 लाभार्थियों को इलाज भी मिल गया है। गोल्डेन कार्ड बनवा चुके 20 परसेंट से अधिक लाभार्थी इलाज करा चुके हैं।

कैंसर का भी हो रहा है इलाज

डॉ। एके सिंह ने बताया कि आयुष्मान स्कीम का कवरेज एरिया लगातार बढ़ रहा है। इस स्कीम में आच्छादित बीमारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। असाध्य रोगों के इलाज के पैकेज का रेट लगातार बढ़ाया जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि कैंसर के एडवांस स्टेज की बीमारियों को भी इसमें शामिल किया गया है। साथ ही इससे कैंसर के इलाज का पैकेज भी बढ़ाया गया है। इसे मरीजों को सहुलियम मिलेगी।

कोटेदार बनाएंगे आयुष्मान कार्ड

उन्होंने बताया कि करीब 13 लाख 15 हजार लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड अभी बनने हैं। इसमें एक लाख 26 हजार 389 अंत्योदय कार्डधारक परिवार भी शामिल हैं। इसमें लाभार्थियों की संख्या चार लाख 91 हजार 432 है। इन लाभार्थियों का कार्ड बनाने के लिए कोटेदारों को नियुक्त किया जा रहा है। कोटेदार लाभार्थी परिवारों को गोल्डेन कार्ड बना उपलब्ध कराएंगे।