अन्य एप्लीकेंट्स और डीडीयू का बढ़ाया प्रॉब्लम
बीएड के 10 फरवरी से 10 मार्च तक चले रजिस्ट्रेशन के दौरान 4,53,548 एप्लीकेंट्स ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया। लेकिन इनमें से मात्र 3,80,201 एप्लीकेंट्स ही ऐसे थे जिन्होंने इसके बाद फीस जमा की। 73,347 एप्लीकेंट्स ऐसे रहे जिन्होंने रजिस्ट्रेशन का सिर्फ फर्स्ट फेज कंप्लीट करने के बाद छोड़ दिया। इन एप्लीकेंट्स की वजह से वेबसाइट के सर्वर पर लोड बढ़ा जिससे जो एप्लीकेंट्स सही में बीएड करना चाहते थे उनको स्लो स्पीड की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी। यूनिवर्सिटी में बीएड के रजिस्ट्रेशन में जुटी टीम को भी इससे प्रॉब्लम हुई। इन लोगों को एप्लीकेंट्स की सहूलियत देखते हुए अपने सर्वर इंक्रीज करने पड़े।
बिना बारकोड वाले फॉर्म एक्सेप्ट
एनवलप पर बिना बारकोड स्लिप लगाए फॉर्म भेजने वाले एप्लीकेंट्स को भी यूनिवर्सिटी ने राहत दे दी है। ऐसे लगभग 2,500 फॉर्म थे जिनपर बारकोड स्लिप नहीं चिपकाई गई थी। ऐसे फॉर्म्स को चेक किया जा रहा है और जो फॉर्म प्रॉपरली फिल किए गए हैं उनको यूनिवर्सिटी ने एक्सेप्ट कर लिया है।
लास्ट इयर के बराबर हुए एप्लीकेंट्स
बीएड एप्लीकेंट्स की संख्या इस साल भी लास्ट इयर के बराबर हो गई है। लास्ट इयर जेईई बीएड में लगभग पौने चार लाख एप्लीकेंट्स रजिस्टर्ड थे। इस साल 3,78,105 एप्लीकेंट्स ने फॉर्म डाउनलोड करने तक के प्रोसेस को कंप्लीट किया है। 2,096 एप्लीकेंट्स ऐसे रहे जिन्होंने फीस तो जमा की, लेकिन उसके आगे का प्रोसेस कम्प्लीट नहीं किया।


जिन लोगों को फॉर्म न भरना हो उनको बिना वजह साइट बिजी नहीं करनी चाहिए। इससे जेन्युन एप्लीकेंट्स और साइट को मेन्टेन करने वालों की प्रॉब्लम बढ़ती है।
एसएन पांडेय, नोडल टेक्निकल ऑफिसर, जेईई बीएड

report by : shailesh.arora@inext.co.in