मम्मी पापा को करनी पड़ रही है मेहनत

प्ले वे के बाद अपने लाडले का एडमिशन एक अच्छे स्कूल में कराना हर पैरेंट्स का सपना होता है। इसी सपने को साकार करने और अपने मासूम का फ्यूचर संवारने के लिए वे मशक्कत कर रहे हैं। सिटी के टॉप स्कूलों में प्ले वे लेकर हर क्लास में एडमिशन सेशन शुरू हो चुका है। स्कूलों ने एडमिशन फॉर्म भी रिलीज कर दिए?हैं। पैरेंट्स ने फॉर्म जमा करना शुरू कर दिया। अब उन्हें स्कूल मैनेजमेंट की तरह से एक डेट दी जा रही है। इस तय तारीख पर ही पैरेंट्स का इंट्रैक्शन होगा।

पैरेंट्स में इंटरव्यू की दहशत

इस बारे स्कूल मैनेजमेंट का तर्क होता है कि वे सीट से ज्यादा आवेदन के चलते यह प्रॉसेस अपनाते हैं। बच्चे और उनके पैरेंट्स का इंटरव्यू के बाद ही एडमिशन फाइनल किया जाता है। हालांकि स्कूल मैनेजमेंट इस इंटरव्यू को इंट्रेक्शन का नाम दे रहे हैं। उधर

पैरेंट्स में इस इंटरव्यू को लेकर दहशत में हैं। वे इसकी तैयारी भी कर रहे हैं। इसके लिए वे ग्र्रुप डिस्कशन और स्पेशलिस्ट का सहारा ले रहे हैं।

रुल में नहीं है इंटरव्यू

बच्चे के एडमिशन के दौरान उनका टेस्ट और पैरेंट्स से इंट्रैक्टशन रूल में नहींहै। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार किसी भी बच्चे के स्कूल में एडमिशन के दौरान उसके पैरेंट्स की शैक्षिका योग्यता और उसके सोशल स्टेटस को काउंट नहींकिया जाएगा।

बच्चे के कॅरियर के लिए इंट्रेक्शन

पैरेंट्स से इंटरव्यू के मामले में सिटी के कई स्कूल मैनेजमेंट का कहा है कि एडमिशन के दौरान पैरेंट्स से इंट्रैक्टशन केवल बच्चे के लिए होता है। उनका मानना है कि बच्चा स्कूल में मात्र 4 से 6 घंटे का रहता है, जबकि घर में वह 18 घंटे बिताता है। स्कूल और पैरेंट्स के अच्छे कोऑर्डिनेशन से ही बच्चों का फ्यूचर संवारा जा सकता है। इंट्रैक्टशन के दौरान पैरेंट्स को मोटिवेट किया जाता है न कि उनका इंटरव्यू किया जाता है।

एडमिशन के दौरान बच्चे और पैरेंट्स का इंटरव्यू नहीं होता बल्कि एक तरह से उनकी काउंसलिंग की जाती है। इसमें पैरेंट्स बच्चे के कॅरियर को संवारने में स्कूल का कैसे साथ दे, इससे अवगत कराया जाता है।

-डॉ। मीना अधमी, प्रिंसिपल डिवाइन पब्लिक स्कूल

स्टूडेंट्स के पैरेंट्स से भी इंट्रेक्शन के जरिए हेल्प ली जाती है कि कैसे बच्चे को और इंप्रूव किया जो। एडमिशन  के दौरान बच्चे और पैरेंट्स का कोई इंटरव्यू नहीं होता है।

-कृष्ण कुमार मिश्रा, डायरेक्टर मॉडन हैरीटेज स्कूल

बच्चे को सिटी के टॉप स्कूल में पढ़ाने का ख्वाब हर किसी पैरेंट्स का होता है। टॉप स्कूल में बच्चे को एडमिशन कराने के लिए बड़ी तैयारी करनी पड़ती है। एडमिशन के दौरान हमें भी खुद इंट्रेक्शन के लिए तैयारी करनी पड़ती है।

अनुपम जैन, पैरेंट

स्कूल मैनेजमेंट के निर्देश पर तैयार सिलेबस को याद करना पड़ता है और एडमिशन के दौरान पैरेंट्स को इंटरव्यू फेस करना पड़ता है। बच्चे या फिर पैरेंट्स की जरा सी कमी के चलते एडमिशन लिस्ट से नाम गायब तक हो जाता है।

-हौसला सिंह, पैरेंट

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