- तहसील में ताला लगाने की अधिवक्ताओं ने दी थी चेतावनी

- पुलिस छावनी में बदल गया था तहसील कैम्पस

CAMPIERGANJ:

कैम्पियरगंज तहसील शुक्रवार को पुलिस छावनी में तब्दील नजर आया। तहसील में तालाबंदी की अधिवक्ताओं की चेतावनी को देखते हुए पूरे दिन पुलिस चौकस रही और तहसील की रखवाली करती रही। इस दौरान अधिवक्ता हड़ताल पर रहे और काम नहीं किया। हालांकि पुलिस की चौकसी के कारण उनकी तालाबंदी करने की हिम्मत नहीं हुई।

एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप

उपजिलाधिकारी व तहसीलदार पर कई आरोप लगाते हुए अधिवक्ता उनके स्थानांतरण पर अड़े हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि अधिकारी पैसे लेकर निर्णय ले रहे हैं। वहीं अधिकारियों का कहा है कि अधिवक्ता मनमानी कर रहे हैं और फरियादियों से मनमाना पैसा वसूल कर रहे हैं। ऐसा करने से रोकने के कारण वे लोग धरना, हड़ताल कर गलत दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों और अधिवक्ताओं की इसी तनातनी में पिछले कुछ दिनों से अधिवक्ता हड़ताल पर हैं।

दी थी चेतावनी

गुरुवार को अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी थी कि वे शुक्रवार को तहसील में ताला लगा देंगे। कोई काम नहीं होने देंगे। इसकी जानकारी उपजिलाधिकारी को हुई तो उन्होंने तहसील कैम्पस में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। शुक्रवार को सुबह से ही कैम्पस पुलिस छावनी में बदल गया। इस कारण प्रदर्शनकारी अधिवक्ताओं का मंसूबा धरा का धरा रह गया।

प्रदर्शन व नारेबाजी

अधिवक्ताओं ने तहसील गेट पर बैठकर दिनभर धरना दिया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ओमलाल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र यादव, मंत्री दिनेश मिश्रा, सन्तोष सिंह, रामकरन यादव, वीरेन्द्र सिंह, राम सिंह यादव, सुधीर चतुर्वेदी, धु्रव शर्मा, गोपाल जी, श्याम प्रताप यादव, बबलू, राम रतन यादव आदि अधिवक्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। उपजिलाधिकारी व तहसीलदार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। उधर, कैम्पियरगंज थानेदार सीताराम यादव सहित भारी पुलिस बल इन पर नजर रखे हुए था।

मेरा किसी अधिवक्ता से कोई मतभेद नहीं है। मुवक्किल से मेरे नाम पर पैसा लेकर मुझे बदनाम किया जा रहा है, जो ठीक नहीं है। जरूरत पड़ी तो गांव-गांव घूमकर फरियादियों की समस्या दूर की जाएगी लेकिन अधिवक्ताओं की नाजायज मांग नहीं मानेंगे।

- अमरेन्द्र कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी