गोरखपुर (ब्यूरो).कहा कि यूनिसेफ की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार देश के पांच वर्ष से कम उम्र के 50 लाख से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार हैं। यही वजह है कि कुपोषण के खिलाफ जंग में जीत हासिल करने के लिए पोषण अभियान जैसी कोशिशों की जरूरत पड़ रही है। जागरूकता इस कुपोषण के खिलाफ जीत हासिल की जा सकती है। यूनिसेफ के पूर्व परामर्शदाता डॉ। एलिजाबेथ केई और तिरुअनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य डॉ। रियाज ने कुपोषित बच्चों के पोषित होने की जानकारी साझा की। एचओडी प्रो। महिमा मित्तल ने बताया कि बच्चों के समुचित मानसिक विकास के लिए जन्म से ही बच्चों की देखभाल जरूरी है। एक बच्चे का समुचित पोषण और मानसिक विकास पीढ़ी दर पीढ़ी बच्चों के विकास में सहायक है। कार्यशाला को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य व बाल रोग विशेषज्ञ प्रो। केपी कुशवाहा, प्रो। एके राठी, डॉ। रवींद्र सिंह, डॉ। रवीश शर्मा, डॉ। वेद प्रकाश, डॉ। दिव्या रानी ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन में बालरोग विभाग की डॉ। कृति मोहन, डॉ। मनीष कुमार और डॉ। अंचला भारद्वाज ने किया। कार्यक्रम में करीब 225 प्रतिभागी शामिल हुए।