- लॉकडाउन में भी बिक रही शराब

- आनन-फानन में जागा आबकारी विभाग, सीज कर दीं 335 वाइन शॉप्स

GORAKHPUR: लॉकडाउन में हर कोई घर के अंदर बंद है लेकिन सिटी में शराब की दुकानों का शटर इन दिनों भी बराबर उठ रहा है। सूत्रों की मानें तो सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए शाम होते ही चोरी चुपके शटर उठाकर शराब बेची जा रही है। शायद यही वजह है कि चोरी चुपके शराब बेचे जाने की कंप्लेन पर आबकारी टीम अचानक जागी और केवल चार दिन में ही गोरखपुर की 335 वाइन शॉप्स को सीज कर दिया गया है। हालांकि इस बात को आबकारी विभाग के अधिकारी भी खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। चार दिनों में हुई कार्रवाई पर भी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। जिला आबकारी अधिकारी वीपी सिंह का कहना है कि कुछ कंप्लेंस आ रही थीं जिसके बाद एहतियातन शराब दुकानों को सीज किया गया है।

इंग्लिश के दाम पर बिकी देसी

सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन के दौरान सिटी में कई जगहों पर चोरी चुपके शराब की खूब बिक्री हुई है। लॉकडाउन में शराब की कीमत भी कई गुना अधिक वसूली गई है। सूत्रों के अनुसार जो क्वाटर लोगों को आम दिनों में 150 रूपए में मिल जाया करता था, वो 300-400 रूपए में मिला। वहीं देसी शराब भी इंग्लिश के दाम में बिकी।

कई दिन से आ रही थीं कंप्लेंस

वहीं कई दिनों से आ रहीं कंप्लेंस पर इतने दिनों बाद आबकारी विभाग का जागना भी सवाल खड़े करता है। आखिर विभाग ने पहले क्यों कुछ नहीं किया। वहीं अचानक 335 वाइन शॉप्स को सीज कर दिया गया। जबकि अधिकारी एक तरफ तो इसे एहतियात के लिए उठाया कदम बता रहे हैं दूसरी तरफ सीज की गई दुकानों के प्रति सहानुभूति भी जता कर रहे हैं।

98 करोड़ का टारगेट

जिला आबकारी अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि मार्च का 98 करोड़ का राजस्व का टारगेट होता है। लॉकडाउन की वजह से केवल 50 लाख ही हो पाया है। डेली दो से ढाई करोड़ की शराब बिकती है। केवल होली में 4-5 करोड़ रुपए की शराब बिकी थी। इसके बाद भी टारगेट से पीछे रह गए।

चार दिन में साज कर दीं 335 दुकानें

गोरखपुर में 513 शराब की दुकानें हैं। आबकारी विभाग ने 12 अप्रैल को 100 शराब की दुकानों को सीज किया। इसी तरह 13 अप्रैल को 100, 14 अप्रैल को 60 और 15 अप्रैल को 75 दुकानों को सीज किया गया।

कब-कब हुई कार्रवाई

12 अप्रैल- 100 दुकानें

13 अप्रैल- 100 दुकानें

14 अप्रैल- 60 दुकानें

15 अप्रैल-75 दुकानें

शराब की दुकानें - 513

अंग्रेजी शराब की दुकान - 115

बीयर शॉप - 107

देशी शराब की दुकान - 279

मॉडल शॉप - 12

वर्जन

दुकान में लॉक होना या सीज होने में कोई अंतर नहीं है। कुछ शिकायतें बिक्री की आ रही थीं इसलिए सीज किया जा रहा है ताकि ठेकेदार शटर खोलकर शराब ना निकाल पाएं। शराब की दुकान भी खोलना जरूरी है कहीं कोई उल्टा-सीधा पी न ले। कानपुर वाली घटना कहीं यहां भी ना घट जाए। कहीं सैनिटाइजर ही कोई ना पी ले। इस समय काफी लोग एल्कोहल वाली दवाएं पीने लगे हैं।

वीपी सिंह, जिला आबकारी अधिकारी