गोरखपुर (ब्यूरो).सीएम योगी आदित्यनाथ किसानों, पशुपालकों व महिलाओं की आजीविका तथा आय में वृद्धि के लिए पशुपालन और डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने पर जोर देते रहे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में पशुपालन को नवीन तकनीक व अनुसंधान से लाभान्वित करने के लिए ही गोरखपुर में वेटनरी मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना अब साकार होने जा रही है। इसके लिए थोड़ी दिक्कत जमीन की थी, लेकिन यह समस्या भी अब दूर हो गई है।

पशुओं को बीमारियों से बचाने में मिलेगी मदद

पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस कॉलेज के खुलने से पशुपालकों को न केवल इस सेक्टर की नवीन प्रविधियों का लाभ मिलेगा। बल्कि पशुओं को बीमारियों से बचाने में भी काफी मदद मिलेगी। जानवरों से मनुष्य एवं मनुष्यों से जानवरों में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज एनआईबी एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय मिलकर काम करेंगे।

व्यय वित्त समिति से मिल चुकी है मंजूरी

वेटरनरी मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्व में ही इसके लिए 40 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान कर रखा है। लोक निर्माण विभाग की तरफ से इसके निर्माण के लिए बनाई गई 425 करोड़ रुपए की प्राथमिक डीपीआर को व्यय वित्त समिति की मंजूरी भी मिल चुकी है।

वेटनरी मेडिकल कॉलेज को बनाया जाएगा यूनिवर्सिटी

गोरखपुर के वेटनरी मेडिकल कॉलेज में शुरू के वर्षो में 100 सीट के साथ अंडर ग्रेजुएट कोर्स शुरू किए जाएंगे। बाद के वर्षो में यहां पोस्ट ग्रेजुएट एवं डॉक्टरेट के कोर्स भी चलेंगे। इस कॉलेज को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान केंद्र मथुरा से संबद्ध किया जाएगा। यहां आने वाले वर्षो में फिशरीज, फॉरेस्ट्री एवं डेयरी के कोर्स भी चलाए जाएंगे। वेटनरी मेडिकल कॉलेज का स्वरूप ऐसा रखा जाएगा कि भविष्य में यह विश्वविद्यालय का भी रूप ले सके। गोरखपुर का वेटनरी मेडिकल कॉलेज 'स्टेट ऑफ आर्टÓ की तर्ज पर निर्मित होगा। चिन्हित जमीन का निरीक्षण कर निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखाने के लिए जल्द ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा महाविद्यालय एवं गो अनुसंधान केंद्र मथुरा के कुलपति का दौरा होगा।