गोरखपुर (ब्यूरो)।जिला अस्पताल में प्रतिदिन कॉर्डियोलॉजिस्ट के पास 65-70 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें सांस फूलने की प्रॉब्लम है। जबकि यह संख्या पिछले महीने 40-45 थी। वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में भी सांस फूलने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रतिदिन 80-90 मरीज डॉक्टर से दिखाने पहुंच रहे हैैं।

एक हफ्ते में बढ़े मरीज

मौसम ने अचानक से करवट ली है, जिसकी वजह से ठंड बढ़ गई हैैं। बढ़ती ठंड और रात में हो रही गलन से जहां आम लोग ठिठुर रहे है, वहीं अस्थमा रोगियों की परेशानी भी बढ़ गई है। ठंड का सबसे ज्यादा असर अस्थमा पेशेंट पर पड़ रहा है। ठंड के कारण इनकी सांसें फूलने लगी है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। रोहित गुप्ता बताते हैैं कि पहले पॉल्युशन और अब ठंड की वजह से सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ी है। बच्चों व युवाओं के मरीज ओपीडी में ज्यादा आ रहे हैैं। बुजुर्ग पहले से ही आ रहे थे, लेकिन बच्चों व युवाओं में सांस और अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्थमा मरीजों को इन्हेलर रखने की सलाह दी जा रही है।

बेहद सेंसटिव है अस्थमा

चेस्ट फिजिशियन डॉ। वीएन अग्रवाल बताते हैैं कि ठंड का मौसम अस्थमा मरीजों के लिए बेहद सेंसटिव होता है। इस दौरान उन्हें ठंड से बचना बेहद जरूरी है। रोजाना 250 से 300 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे। इसी प्रकार सीनियर फिजिशियन व डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ। सुधांशु शंकर बताते हैैं कि प्रतिदिन 350 मरीज आते हैैं, इसमें करीब 150 से ज्यादा मरीज सांस और अस्थमा की शिकायत लेकर पहुंच रहे है। इसमें बच्चों व बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है।

क्या है अस्थमा?

अस्थमा एक गंभीर बीमारी है, जो सांस की नलियों को प्रभावित करती है। यह नलियां फेफड़े से हवा को अंदर-बाहर करती हैं। अस्थमा होने पर इन नलियों की भीतरी दीवार पर सूजन आ जाती है, जो नलियों को बेहद संवेदनशील बना देती है। जब नलियां प्रतिक्रिया करती हैं, तो यह सिकुडऩे लगती है। इस स्थिति में फेफड़े में ऑक्सीजन की मात्रा कम जाती है। इससे पीडि़तों में लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, चेस्ट का कड़ा होना, आदि जैसे लक्षण विकसित होने लगते हैं।

अस्थमा के कारण

प्रदूषित हवा

ज्यादा ठंड और कोहरा

सुगंधित सौंदर्य प्रसाधन

सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस का संक्रमण

स्मोकिंग की लत

महिलाओं में हार्मोनल चेंजेस

अस्थमा के लक्षण

सांस लेने में दिक्कत

खांसी, छींक

सीने में जकडऩ जैसा महसूस होना

बेचैनी महसूस होन।

अस्थमा से बचने के उपाय

अर्ली मॉर्निंग वॉक करने से परहेज

मुंह पर कपड़ा या मास्क लगाकर निकले।

स्मोकिंग से दूरी बनाए।

ठंड में शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें।

ऐसे मरीज इनहेलर अपने पास रखें।