गोरखपुर (ब्यूरो)। कहा कि स्वास्थ्य मेले में आने वाले को बताया जाएगा कि नशीली दवाओं और ड्रग्स का सेवन जीवन को बर्बाद कर देता है। इससे युवाओं का भविष्य नष्ट हो जाता है। नशीले पदार्थों के सेवन से युवाओं को रोकना है। साथ ही अगर इनकी उपलब्धता की सूचना मिलती है तो पुलिस की मदद से इनके नेटवर्क को भी ध्वस्त करना है। कोविड काल में नशीली दवाओं का सेवन और भी खतरनाक हो गया है। जो लोग नशीली दवाओं का सेवन करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है। ऐसे लोगों को कोविड हो जाने पर जान जाने की आशंका कहीं ज्यादा होती है। नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव को देखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1987 में अपने संकल्प के माध्यम से 26 जून को यह दिवस मनाने का निर्णय लिया था। इसका लक्ष्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी से मुक्त एक इंटरनेशनल समाज की परिकल्पना है।