-विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की होगी अराधना

GORAKHPUR: ज्ञान, विद्या व कला की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की उपासना का पर्व बसंत पंचमी 16 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन शैक्षणिक संस्थाओं के साथ ही घरों में मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भक्त मां को प्रसन्न करेंगे। ज्योतिष के लिहाज से इस दिन बन रहे शुभ योग, सर्वार्थ सिद्ध योग व रवि योग इस बार की बसंत पंचमी को खास बनाएंगे। मंगलवार का दिन होने के कारण भी इस बार बसंत पंचमी मंगलकारी होगी।

बसंत पंचमी का महत्व

ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन अज्ञानता के अंधकार को खत्म करने के लिए ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। विशेष तौर पर इस दिन विद्यार्थी मां आराधना कर विद्या का आशीर्वाद मांगते हैं। बसंत पंचमी के दिन विशेषकर पीले वस्त्र ही धारण करना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है। यह रंग ऊर्जा और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है।

ऐसे करें बसंत पंचमी की पूजा

पंडित शरद चंद मिश्र के अनुसार,

-इस दिन प्रात: काम स्नानादि कर पीले वस्त्र धारण करें।

-मां सरस्वती की प्रतिमा को सामने रखकर कलश स्थापित करें।

-इसके बाद माता सरस्वती और भगवान गणेश व नवग्रह की विधिवत पूजा करें।

-प्रसाद के रूप में खीर अथवा दूध से बनी मिठाईयां चढ़ाएं।

-विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा कर गरीब बच्चों में कलम व पुस्तकों का दान करें।

-संगीत से जुड़े व्यक्ति अपने साज पर तिलक लगाकर मां की अराधना करें।