गोरखपुर (ब्यूरो)।ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद मोबाइल वैन को ईस्ट यूपी और बिहार राज्य तक भेजे जाएंगे। वॉयरोलाजिस्ट डॉ। अशोक पांडेय ने बताया कि किसी भी एरिया में जाकर यह मोबाइल लैब वायरोलाजिस्ट की मदद से सीधे वायरस और बैक्टेरिया की पहचान कर सकेगी।

कहीं भी कर लेंगे सैैंपलिंग

गोरखपुर व आसपास के जिले में तेजी के साथ इंसेफेलाइटिस, डेंगू, जीका वायरस व कोरोना समेत अन्य बीमारियों के वायरस और बैक्टेरिया की पहचान करने के लिए आईसीएमआर बीएसएल-थ्री लैब मोबाइल बस गोरखपुर में आ चुकी है। आईसीएमआर के मीडिया प्रभारी व वायरोलाजिस्ट डॉ। अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि यह मोबाइल बस कंप्लीटली बीएसएल-3 लैब है। यह पूरी तरह से एयर टाइट व ऑटोमैटिक है। जो बाहर के एन्वायरमेंट को प्रभावित नहीं करेगी और नाही भीतर किसी प्रकार कोई एनवायर्नमेंटल साइड इफेक्ट होगा। इसके साथ ही यह पूरी तरह सील्ड है। वैक्यूम है। जो सॉलिड वेस्ट कंटेट को डिस्पोज करने में सक्षम है। बायो सेफ्टी भी है। इसमें तीन विधि से किसी भी वायरस या बैक्टेरिया की पहचान के लिए माइक्रोस्कोपी, एलाइजा व पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा है। उन्होंने बताया कि बस को कहीं भी ले जाकर वहां पर सैैंपल कलेक्ट किया जा सकता है। वहीं टेस्टिंग शुरु हो जाएगी।

यह है इसकी खासियत

- फुली एसी एंड एयर टाइट

- एलाइजा, माइक्रोस्कोपी व पीसीआर से लैस

- इंटरनेट, सेटेलाइट, जीपीएस सिस्टम

- मोबाइल बस को ट्रैकिंग किया जा सकता है

- वायरोलाजिस्ट की टीम होगी

- देश-विदेश के किसी भी बीएसएल-थ्री लैब से कनेक्टिविटी

- हाई लेवल के साथ-साथ एडवांस एक्यूपमेंट्स से लैस

- सारे एक्यूपमेंट्स के फंक्शन की मानिटरिंग के लिए मानिटर स्क्रीन

- इन पहोगा रिसर्च

- येलो फीवर वायरस

- वेस्ट नाइल वायरस

- कोरोना वायरस

- स्वाइन फ्लू वायरस

- मर्स वायरस

- इंसेफेलाइटिस

- स्क्रब टायफस

- डेंगू

- मलेरिया

- हेपेटाइटिस

- ड्रग रेजिस्टेंट

- टीबी बैक्टेरिया