गोरखपुर (ब्यूरो)। करीब 5 करोड़ की लागत से संग्राहलय की बुद्ध और टेराकोटा से बनी मूर्तियों को जीवंत किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे परिसर की नए सिरे से लाइटिंग की जाएगी। जिससे रात में सैलानियों को आकर्षित किया जा सके। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के जीर्णोद्धार का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को दिया गया है। पीडब्ल्यूडी ने 5 करोड़ से होने वाले कार्यो को लेकर टेंडर निकाल दिया है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जुलाई से काम शुरू किए जाने की बात कही गई है।

प्राचीन वस्तुओं से होंगे रूबरू

बता दें, बौद्ध संग्रहालय में भगवान बुद्ध से जुड़े कई प्राचीन वस्तुएं और टेराकोटा शिल्प हैं। यहां कई साहित्य भी बुद्ध से जुड़े हुए है। बौद्ध सर्किट में आने वाले हजारों सैलानी संग्राहलय में भी आते हैैं, इसे देखते हुए सुविधाएं बढ़ाई जाने की बात कहीं जा रही है। वहीं विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए इसे आकर्षित व कैंपस को पूरी तरह से एसी किया जाने का सिलसिला शुरु हो गया है। भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं का नए सिरे से रंग-रोगन किया जा रहा है। पर्यटन व संस्कृति विभाग के अधीन इस संग्रहालय के अपग्रेडेशन के दौरान फॉल्स सीलिंग, फर्श, लाइटिग, पुरावशेषों के रखने की समुचित व्यवस्था के साथ ही अनेक महत्वपूर्ण अवशेष व पुरा सामग्री बाहर के संग्राहलयों से भी मंगाई जाएगी।

प्राचीन कलाकृतियों का संग्रह है बौद्ध संग्रहालय

बौद्ध संग्रहालय में प्राचीन मुद्राओं और कलाकृतियों का संग्रह है। विशेषकर मृण मूर्तियों के संग्रह के लिए इस संग्रहालय को धनी माना जाता है। यहां पर प्रस्तर मूर्तियां, सिक्के, पांडुलिपियों, लघुचित्र, थंका, आभूषण और ताड़पत्र इत्यादि अनेक विषयों पर समृद्ध संग्रह है। यहां भगवान बुद्ध के जीवन व बौद्ध धर्म से संबंधित स्थलों की क्रमबद्ध श्रृंखला दिखाई देती है। इसमें प्रमुख रूप से कपिलवस्तु, देवदह, कोलियों का रामग्राम, कोपियां और महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है।