-दूसरे दिन भी कंडक्टर्स के न होने से ठप रहा बसों का संचालन

-अनुबंधित बसों का संचालन कम होने से परेशान हुए पैसेंजर्स

GORAKHPUR: संविदा कंडक्टर्स को परमानेंट करने की मांग अब रोडवेज पर भारी पड़ने लगी है। अपनी मांगों को लेकर कंडक्टर्स के लखनऊ जाने के बाद निगम प्रशासन की पोल खुलने लगी है। इसी का नतीजा है कि लगातार जारी हड़ताल के दूसरे दिन भी अधिकांश अनुबंधित बसें डिपो पर ही खड़ी रह गईं। इससे पैसेंजर्स को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पैसेंजर्स की तुलना में बसें काफी कम होने की वजह से सीट पाने को लेकर लोगों के पसीने छूट गए। इस दौरान रोडवेज डिपो से चलने वाली बसें पूरी तरह फुल रहीं। इससे पैसेंजर्स को काफी देर तक स्टेशन पर दूसरी बसों का इंतजार करना पड़ा। हालांकि कंडक्टर्स के हड़ताल पर जाने से पहले रोडवेज प्रशासन ने दावा किया था कि वह बसों के लिए कंडक्टर्स उपलब्ध कराएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सिर्फ निगम की बसें ही रोडवेज स्टेशन पर सवारियां भरती रहीं। इनमें भी ज्यादातर बसें दूसरे डिपो की या फिर लॉन्ग रूट की थीं।

परमानेंट करने की है मांग

रोडवेज के संविदा कंडक्टर्स परमानेंट करने की मांग को लेकर बुधवार की रात प्रदर्शन करने लखनऊ मुख्यालय चले गए। रोडवेज में ज्यादातर संविदा कंडक्टर्स होने की वजह से बसों का संचालन प्रभावित हो गया है। कंडक्टर्स के न होने की वजह से अनुबंधित बसें खड़ी हो गई हैं। ऐसे में देवरिया, कुशीनगर, तमकुही राज, महराजगंज आदि रूट्स पर बसों का संचालन काफी प्रभावित रहा। हालांकि, इन रूट्स पर भी बसें चलती रहीं, लेकिन काफी समय के अंतराल पर बसों के चलने से पैसेंजर्स को सीट मिलना मुश्किल हो रहा था।

देवरिया जाने के लिए दो घंटे से बस का इंतजार कर रहा हूं। जो बस जा भी रही है उसमें भीड़ अधिक होने की वजह से सीट नहीं मिल रही है। कुछ देर और देखता हूं, नहीं तो फिर टैक्सी से निकल जाऊंगा।

विभोर, पैसेंजर

महराजगंज के लिए अभी तक कोई बस नहीं मिली है। मेरे पास एमएसटी है, घंटे भर से बस का इंतजार कर रहा हूं। इंक्वायरी पर पूछा तो पता चला कि अभी कुछ देर में महराजगंज की बस जाएगी।

आदित्य, पैसेंजर