-लग्न में मेहमानों की भी गिर गई ग्राफ

-सिर्फ दो से तीन सौ की हो रही बुकिंग

-मेहमानों की बढ़ेगी संख्या तो कैटरिंग का विजिलेंस पकड़ेगी रफ्तार

GORAKHPUR:

लॉकडाउन में कैटर्स की आस टूटी तो उनका बिजनेस पूरी तरह से प्रभावित हो गया। कोरोना काल में शादी, बर्थ डे व शादी की सालगिरह समेत अन्य कार्यक्रम की बुकिंग भी कैंसिल होने से उनका बिजनेस पूरी तरह से धड़ाम बोल चुका है। अनलॉक-05 के बाद सरकार में थोड़ी ढील दी तो लोगों ने अपने फंक्शन के लिए कैटरिंग बुक भी कर रहे वहीं भी दो से तीन सौ मेहमानों के लिए। ऐसे में उनकी प्रॉफिट पहले जैसी नहीं है। लॉकडाउन की वजह से कैटरिंग इंडस्ट्री को दो- तीन सौ करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। हालांकि अनलॉक के साथ नवंबर और दिसंबर में होने वाले शादी, तिलक समारोह और अन्य कार्यक्रम से हालत कुछ बेहतर दिख रही है। लेकिन कैटरर्स का मानना है कि हालत पहले की तरह नार्मल नहीं हुए है तो परेशानी बढ़ सकती है।

गोरखपुर सिटी में 350 कैटरर्स

गोरखपुर सिटी में करीब 350 के आसपास छोटे-बड़े कैटरर्स है। इसमें से करीब 110 बड़े कैटरर्स हैं। वहीं एक पार्टी का खर्च मेहमानों और वेरायटी के हिसाब से आठ लाख में होता है। इसी के साथ 100 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलता है। काम करने वाले वर्कर का दिहाड़ी के हिसाब से काम तय होता है।

डर से बुकिंग पर असर

जेके श्रीवास्तव रैक्स कैटरर्स ने बताया कि हमारे यहां 50 लोगों का परमानेंट स्टॉफ है। फंक्शन में 30 से 35 करोड़ रुपए दो महीने टर्नओवर था जो अब कुछ भी नहीं रह गया है। वर्कर्स का वेतन भी निकालना मुश्किल हो गया है। नवंबर और दिसंबर में सिर्फ शासन की ओर से 100 लोगों को फंग्शन में शामिल होने की इजाजत दी गई हैं। संख्या न बढ़ने की वजह से बिजनेस भी प्रभावित हो रहा है। हमारा सारा बिजनेस अब उसी पर डिपेंड है। लॉन में बड़े फंक्शन होते हैं और बुकिंग भी अच्छी होती है। सामान्य दिनों में जहां 700 से 800 लोगों की कैटरिंग की बुकिंग होती थी। वहीं, कोरोना काल में इसके आधे भी लोग बुकिंग नहीं कर रहे हैं। उन्हें डर है कि यदि अधिक लोगों को बुलाया जाए और वह न आए तो उनका नुकसान होगा।

400 से अधिक मेहमान आए तो होगा प्रॉफीट

लवकुश कैटर्स ने बताया कि 100 मेहमानों के साथ फंक्शन की छूट मिली है। इससे कोई फायदा नहीं होने वाली है। खर्च भी निकाला मुश्किल है। जब तक फंक्शन में 400 से अधिक मेहमान नहीं होंगे। हमारा प्रॉफिट नहीं होगा। यह ऐसी हालत नवंबर और दिसंबर में होने वाली शादियों में रहा तो काम करने वालों की परेशानी बढ़ जाएगी। दूसरे धंधे के बारे में सोचना होगा।

इस साल कमाई जीरो

विकास कैटरर्स के अनुसार मार्च-जून तक कैटरिंग का काम पूरी तरह से बंद था। जिन शादियों की बुकिंग हुई थी वह कैंसिल होकर नवंबर और दिसंबर में चली गई। नुकसान काफी हुआ है। इस समय जीरों आमदनी है। वर्कर्स को वेतन घर से दिया जा रहा है। बिजनेस को किसी तरह से जिंदा रखा गया है। ज्यादातर बड़ी बुकिंग होटल में ही छोटी बुकिंग नहीं के बराबर है। ऐसे में कैटरिंग इंडस्ट्री इस सीजन में प्रॉफिट के बजाए नुकसान में हैं।

मेहमानों के स्वागत पर भी सैनिटाइजर का खर्च

कैटरर्स का कहना है कि नवंबर-दिसंबर में शादियों और पार्टियों में सैनिटाइजर का खर्च भी बढ़ा दिया है। बारातियों का वेलकम सैनिटाइजर से ही होगा। गाइडलाइन के हिसाब से सभी तैयारियां की जा रही है।

शादी व पार्टी का सालाना बिजनेस--300 करोड़

शहर में कैटरर्स--350

कैटरिंग बुकिंग में फायदा-400

वर्तमान में हो रही बुकिंग-200-300

इस समय कैटरिंग का पोजिशन बुरा है। कुछ बड़े फंक्शन है जिसे होटल में ट्रांसफर किया है। शादी की बुकिंग नहीं के बराबर है। ज्यादातर इवेंट होटल में ही कराए जा रहे हैं। नार्मल दिनों में आठ से दस बुकिंग हो जाती थी लेकिन अब एक भी नहीं हुई। यदि बुकिंग हो भी रही है तो लोग सुविधा के अनुसार पैसे भी नहीं देना पसंद कर रहे हैं। इसलिए हालत बहुत खराब है।

जेके श्रीवास्तव, रैक्स कैटर्स

लॉकडाउन में सबकुछ बंद चल रहा था। अनलॉक के बाद थोड़ी राहत मिली जरूर है लेकिन बुकिंग नहीं हो रही है। जो पहले की बुकिंग है। वहीं काम करना है। हालांकि मेहमानों की संख्या घटने की वजह से आमदनी पर भी असर पड़ा है। मजबूरी में काम करना पड़ रहा है।

विकास, लवकुश कैटर्स

कोरोना काल में कैटरिंग का बिजनेस पूरी तरह से लुढ़क गया है। मेहमानों की संख्या अधिक होती है तभी प्रॉफिट भी होता है लेकिन वायरस के चलते संख्या में गिरावट आई हैं। जिसका असर बिजनेस पर भी पड़ रहा है।

विवेक कुमार, कैटरर्स