गोरखपुर (ब्यूरो).कैटल कैचिंग दस्ता में चलने वाली टीम ने बताया, कहीं भी पब्लिक प्लेस जहां भीड़-भाड़ रहती है, वहां पर खतरनाक सांड को पकडऩा खतरे से खाली नहीं रहता है। वो पकड़ते वक्त उग्र होकर पब्लिक पर हमला कर सकता है। टीम ने बताया कि जब भी भीड़-भाड़ वाली जगह से कंप्लेन आती है, तब हम इंतजार करते हैं। ऐसे सांड के पीछे एक मुखबिर लगाते हैं, जब वो किसी सन्नाटे वाले इलाके में पहुंचता है, तब वो मुखबिर हमे सूचना देता है फिर हमे उसे उठाते हैं। ऐसा करने में कभी-कभी कई दिन लग जाते हैं।

दिन-रात कर रहे निगरानी

प्रभारी एनडी पाण्डेय ने बताया कि दिन रात दोनों समय आवारा जानवरों को पकडऩे का अभियान चलता है। इसके लिए दस सफाई कर्मी रखे गए हैं, जिसमे 6 दिन में काम करते हैं। बाकी 4 की रात में ड्यूटी लगती है। रोस्टर वाइज ड्यूटी चेंज होती रहती है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के पास आवारा जानवरों को पकडऩे के लिए 2 बड़ी और एक छोटी गाड़ी है।

अब रफ्तार बढ़ाएगा निगम

कान्हा उपवन में कैपिसिटी से अधिक आवारा जानवरों के आने से इधर अभियान सुस्त हो गया था। जबकि शहर में आवारा पशुओं की संख्या अचानक फिर बढ़ गई है। ऐसे में नगर निगम कान्हा उपवन से ब्लॉकों में जानवरों को भेजकर अभियान में तेजी लाएगा।

कान्हा उपवन का बदला रूप

आवारा पशुओं को पकडऩे के लिए निगम प्रशासन की ओर से कान्हा उपवन का हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। 8010709376 पर कॉल कर गोरखपुराइट्स आवारा पशुओं की जानकारी दे सकते हैं। वहीं, कान्हा उपवन में पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था की गई है। कान्हा उपवन में पशुओं की नियमित जांच के लिए चिकित्सक की व्यवस्था की गई है। जो बीमार पशुओं की नियमित जांच करते हुए दवा आदि की व्यवस्था करते हैं।

आवारा जानवरों को भीड़-भाड़ वाले इलाके में पकडऩा खतरनाक होता है। इसलिए हम इंतजार कर सुरक्षित स्थान पर आवारा जानवरों को पकड़ते हैं।

एनडी पाण्डेय, जोनल प्रभारी