गोरखपुर (अनुराग पांडेय).लेटर जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्द गोरखपुर के ट्रैफिक कार्यालय में भी डिजिटल चालान राशि जमा करने का अरेंजमेंट हो जाएगा। इससे पब्लिक के लिए भी चालान जमा करना आसान हो जाएगा। इसको लेकर ट्रैफिक कार्यालय पर तैयारी भी चल रही है।
यहां जमा होता है चालान शुल्क
गाडिय़ों के चालान के बाद ट्रैफिक कार्यालय, सीओ कार्यालय और कोर्ट में पब्लिक चालान शुल्क जमा करती है। ट्रैफिक कार्यालय से काफी लोग इसलिए लौट जाते हैं कि यहां पर चालान शुल्क डिजिटल नहीं जमा होता है।
झटपट फोटो खींचने में एक्सपर्ट पुलिस
गोरखपुर ट्रैफिक पुलिस जो पहले चौराहों पर चालान रसीद लेकर गाडिय़ों को रोक-रोककर चालान काटती थी। इस दौरान कई पहुंच वाले लोगों से तीखी बहस भी ट्रैफिक पुलिस जवानों से होती थी। साथ ही पैरवी आ जाने पर रसूखदार लोगों को बिना चालान काटे ही छोडऩा पड़ता। जब से ऑनलाइन चालान काटने की व्यवस्था लागू हुई है तब पुलिस को भी आराम हो गया है। ट्रैफिक पुलिस रसीद छोड़कर अब झटपट फोटो खींचने में माहिर हो गई है। हर चौराहे और गलियों में ऐसे ट्रैफिक जवान दिख जाएंगे, जिनके हाथ में मोबाइल होगा और वो पलक झपकते ही ट्रैफिक रूल तोडऩे वालों की फोटो खींच लेते हैं।
मंथ चालान शमन शुल्क
जनवरी 8810 8,82,400
फरवरी 10,272 10,29,000
मार्च 9138 11,00,600
अप्रैल 20,193 17,86,500
मई 30,748 27,12,300
जून 22,781 25,15,400
जुलाई 26,138 25,11,600
अगस्त 37,469 29,85,200
टोटल 1,65,549 1,55,23,000
(नोट: आंकड़े ट्रैफिक पुलिस के अनुसार अगस्त तक के हैं.)
प्रदूषण, हाइवे पर खड़े वाहन और गलत नंबर प्लेट पर कटे चालान
। प्रदूषण में किए 290 चालान, शमन शुल्क वसूला 2,48,000 रुपए
। हाइवे पर खड़े 6435 वाहनों का किया चालान, शमन शुल्क वसूला 11,49,000 रुपए
। फॉल्टी नंबर प्लेट वाले 3398 वाहनों का किया चालान, शमन शुल्क वसूला 5,57,800 रुपए
ट्रैफिक कार्यालय पर अभी कैश ही चालान जमा होता है। ऐसे में बहुत से वो लोग जो डिजिटल हो चुके हैं। उन्हें चालान शुल्क जमा करने में दिक्कत आती है। इसको देखते हुए यहां भी ऑनलाइन पैसा जमा कराने की व्यवस्था डेवलप करने के लिए एडीजी ट्रैफिक को लेटर लिखा है। उम्मीद है कि बहुत जल्द ट्रैफिक कार्यालय भी डिजिटल हो जाएगा।
- डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक