गोरखपुर (ब्यूरो)।अभी तक 10 करोड़ रुपए या अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान निकालना होता था। वित्त मंत्रालय की 10 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान निकालने की सीमा को 10 करोड़ रुपए से घटाकर पांच करोड़ रुपए कर दिया गया है। इससे गोरखपुर के व्यापारियों को दिक्कत होने लगी है।

बढ़ जाएगी कंपनियों का संख्या

सीए के अनुसार, सरकार ने 10 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ से अधिक के कारोबार पर ई-इन्वॉयस अनिवार्य कर दी है, जिसके चलते गोरखपुर की अधिकांश कंपनियां इसके दायरे में आ गईं। इन कंपनियों को ई-इन्वॉयस परडे के हिसाब से जनरेट करना होगा। बस बीटूसी वालों कंपनियों को छूट रहेगी। बीटूबी वाली कंपनी को ई-वे बिल के साथ अब ई-इन्वॉयस दोनों जनरेट करना होगा।

1 अगस्त से लागू होगा रूल

आईसीए गोरखपुर चैप्टर के सचिव राशिद मुस्तफा के अनुसार यह व्यवस्था एक अगस्त से लागू होगी। ई-चालान के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का दायरा बढ़ जाएगा और उन्हें ई-चालान लागू करने की आवश्यकता होगी। ई-चालान के चरणबद्ध क्रियान्वयन से अड़चनें कम हुई हैं, अनुपालन में सुधार हुआ है और राजस्व बढ़ा है। ई-चालान शुरू में 500 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली बड़ी कंपनियों के लिए लागू किया गया था और तीन साल के भीतर इस सीमा को घटाकर अब पांच करोड़ रुपए कर दिया गया है।

एक मई से लागू होनी थी नई व्यवस्था

सीए के अनुसार जीएसटीएन ने 100 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों या व्यवसायों के लिए अपने पुराने ई-चालान को अपलोड करने की समयसीमा के क्रियान्वयन को तीन महीने के लिए टाल दिया था। पिछले महीने जीएसटीएन ने कहा था कि इन कंपनियों को अपने ई-चालान को सात दिन के अंदर चालान पंजीकरण पोर्टल (आईआरपी) पर डालना होगा। पहले यह व्यवस्था एक मई से लागू होने जा रही थी, लेकिन इसे तीन महीने के लिए टाल दिया गया। मौजूदा व्यवस्था के तहत कंपनियां इस तरह के चालान को वर्तमान तिथि पर डालती हैं। इसमें आईआरपी पर चालान अपलोड करने के लिए व्यवसायों पर कोई प्रतिबंध नहीं था।