गोरखपुर (ब्यूरो).लावारिस हालात में मिलने वाले बच्चों की मदद करने वाली चाइल्ड लाइन को जहां पुलिस की मददगार संस्था के रुप में माना जाता है वहीं शुक्रवार को टीम को पुलिस ने सहयोग के बजाय उसे ही चौकी पर बैठाकर दुव्र्यवहार करना शुरु कर दिया। दरअसल, सिविल लाइन स्थित चाइल्ड लाइन कार्यालय पर एक व्यक्ति ने फोन करके सूचना दी कि नौसढ चौराहे पर 5 बच्चे भीख मांग रहे हैं। सूचना मिलने के बाद चाइल्ड लाइन ने टीम गठित की। जिसमें हर्षिता शर्मा और अमरजीत शामिल थे। दोनों लोग नौसढ़ चौराहे पर पहुंचकर बच्चों की तलाश में जुट गए। इसी बीच नौसढ़ बस स्टेशन पर उन्हें एक बच्चा संदिग्ध अवस्था में मिला। पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह बस धुलाई का काम करता है और पास में ही रहता है। बच्चे को लेकर जब चाइल्ड लाइन की टीम उसके घर पहुंची, तो स्थानीय लोगों ने चाइल्डलाइन टीम को बच्चा चोर कहकर घेर लिया। मौके पर स्थानीय पुलिस ने चाइल्ड लाइन टीम को सहयोग करने के बजाय टीम के सदस्यों को ही लेकर नौसढ़ चौकी पर पहुंच गई। गाली गलौज की।
सेंट्रल को-आर्डिनेटर ने एसएसपी से की शिकायत
मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई तक की धमकी दी गई। जब टीम के सदस्यों ने मामले की जानकारी चाइल्ड लाइन के सेंट्रल को-आर्डिनेटर को दी और उसके बाद बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों को हुई तो जिला बाल संरक्षण अधिकारी डॉ। सुमन शुक्ला ने थानाध्यक्ष गीडा से फोन पर बात की। लेकिन गीडा थानाध्यक्ष ने भी बाल संरक्षण अधिकारी के साथ सहयोग करने के बजाय गरम होने लगे। फिर मामले की शिकायत बाल संरक्षण अधिकारी ने डीआईजी को दी। वहीं एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है।