GORAKHPUR: चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज के मामलों में ये जरूरी नहीं कि इसके शिकार बच्चे की बॉडी पर चोट के निशान हों। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट, रेडियो सिटी और परवरिश संस्था की तरफ से हुए एक्सक्लूसिव सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज में क्या ये जरूरी है कि शिकार बच्चे की बॉडी पर चोट के निशान हों, इस सवाल के जवाब में 58 परसेंट लोगों ने इसकी संभावना से इंकार किया। जबकि 42 परसेंट लोगों ने इसे पॉसिबल माना। वहीं, मेल कैटेगरी की बात करें तो 52 परसेंट लोगों ने हां कहा तो 48 परसेंट ने इसकी संभावना से इनकार करते हुए नहीं में जबाव दिया। इसके अलावा ज्यादातर फीमेल्स ने भी इसकी पॉसिबिल्टी से इनकार किया। 67 परसेंट महिलाओं ने नहीं तो 33 परसेंट ने हां में जवाब दिया।