- सफाई कर्मचारियों की लापरवाही से गांवों में पसरी है गंदगी

SONBARSA: सरदारनगर ब्लॉक के भटगावां में दो-दो सफाई कर्मचारी तैनात हैं लेकिन गांव की नालियों में गंदगी पसरी पड़ी है। स्थिति यह है कि 15-20 हजार तक की तनख्वाह उठाने वाले सफाई कर्मचारी गांव में 15-20 दिन पर दिखते हैं। उन पर न तो प्रधान की निगरानी है और न ही एडीओ पंचायत कार्रवाई कर पाते हैं। गांव वाले समझ नहीं पाते कि विभाग की कौन सी मजबूरी है, जिसने सफाई कर्मचारियों पर कार्रवाई से उसके हाथ बांध रखे हैं।

कर्मचारियों के भी कर्मचारी

बताते हैं कि भटगांवा में दो सफाई कर्मचारी हैं लेकिन उनका दिन सफाई की बजाय, चौक-चौराहों पर बैठकर बीत जाता है। कर्मचारियों ने कुछ अपने कर्मचारी भी रखे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर कभी-कभार इनसे सफाई करा देते हैं। इस कारण गांव के लोगों में इनके प्रति आक्रोश है। गांव वालों की शिकायत प्रधान भी नहीं सुनते।

हर तरफ गंदगी का अंबार

सफाईकर्मियों के न आने से गांव में जगह-जगह नालियां जाम हैं और सड़क पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। अगर कभी सफाई होती भी है तो कचरा उठाया नहीं जाता जो वापस नाली में ही गिरकर उसे फिर से जाम कर देता है। गंदगी से संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। अधिकारियों से शिकायत पर कहते हैं कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन न तो कभी कोई जांच होती है न कार्रवाई की जाती है।

अगर सफाई कर्मचारी लापरवाही कर रहे हैं तो मैं खुद जाकर जांच करूंगा।

- संजय सिंह, बीडीओ, सरदारनगर

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बजबजा रही नालियां, बेपरवाह हैं कर्मचारी

BANSGAON: बांसगांव विकास खंड के भुसवल गांव में सफाईकर्मियों के मनमानेपन के चलते गंदगी का अंबार लगा हुआ है। क्षेत्र के इस दूसरे सबसे बड़े गांव की आबादी लगभग दस हजार है। लेकिन लोग संक्रामक बीमारियों की आशंका से सहमे हुए हैं। यहां तीन सफाईकर्मी राजदेव, राकेश और बदामी देवी तैनात हैं। ये सभी कार्य के समय अक्सर गायब रहते हैं। इस कारण यहां की नालियां जहां बजबजा रही हैं वहीं स्कूल सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर कूड़ा भरा पड़ा है। ग्राम प्रधान विनय कुमार सिंह ने बताया कि कई बार बीडीओ बांसगांव से शिकायत करने पर भी काई कार्रवाई नहीं हुई।

सफाईकर्मियों के मनमानेपन की समस्या पूरे ब्लॉक में बनी हुई है। बार-बार कहने पर भी वे नहीं मानते। मैं तो खुद उनसे परेशान हो गया हूं।

- गोपीनाथ पाठक, बीडीओ