गोरखपुर (ब्यूरो)।अब विभाग चारों संक्रमितों को सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए सैंपल लखनऊ के केजीएमयू की तैयारी की जा रही है।

अगले दो दिन में भेजे जाएंगे सैंपल

अगले एक से दो दिन में यह सैंपल लखनऊ के केजीएमयू भेज दिए जाएंगे। शुक्रवार को शहर के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर जोकि बंगलुरू से लौट कर गोरखपुर आए। वह निजी पैथोलॉजी में आरटीपीसीआर टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव मिले। वहीं गुरुवार को एम्स के इमरजेंसी विभाग में तैनात नर्सिंग ऑफिसर समेत तीन लोग संक्रमित मिले थे। इनमें कुशीनगर के हाटा की 12 साल की मासूम बच्ची भी शामिल है। माइक्रोबॉयोलाजी के किए गए आरटीपीसीआर टेस्ट में तीनों के संक्रमित मिलने से हेल्थ डिपार्टमेंट के होश उड़ गए। शासन का निर्देश है कि आरटीपीसीआर टेस्ट में संक्रमित मिलने पर सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए। हेल्थ विभाग ने इसके लिए निजी पैथोलॉजी और एम्स प्रशासन से संपर्क किया है। एडिशनल सीएमओ डॉ। एके सिंह ने बताया कि विभागों से संपर्क कर उन्होंने शासन के निर्देश की जानकारी दी है। इसके बाद विभाग जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए तैयार हो गया है।

आरएमआरसी को शासन की अनुमति का इंतजार

मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार की ओर से केवल लखनऊ केजीएमयू को जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट कराने की अनुमति मिली है। जबकि आरएमआरसी के पास टेस्ट के सभी संसाधन उपलब्ध है, लेकिन अभी भी उन्हें शासन की अनुमति का इंतजार है। शासन से अनुमति मिलने के बाद जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच गोरखपुर में ही उपलब्ध हो जाएगी।