- इंफेक्शन रोकने के लिए हर स्तर पर सावधानी सावधानी बरतने का निर्देश

GORAKHPUR: कोविड-19 के इंफेक्शन को फैलने से रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान प्रेग्नेंट लेडी को डिलेवरी से पहले जांच और सेफ डिलेवरी को लेकर टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। हेल्थ यूनिट्स में जरूरी इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेज को बहाल रखने को कहा गया है। इसके लिए प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश के सभी जिलों के डीएम व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कहा है कि कोविड संक्रमित या संभावित गर्भवती की डिलेवरी पूर्व जांच और डिलेवरी के साथ ही नवजात की देखभाल की समुचित व्यवस्था दुरुस्त रहनी चाहिए। इस दौरान संक्रमण को फैलने से रोकने वाले सभी जरूरी उपाय अपनाए जाएं। इस बारे में उन्होंने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किया है।

पूरी रहे तैयारी

प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा है कि सभी हॉस्पिटल्स में आइसोलेशन वार्ड से सटा कोविड लेबर रूम और जिला महिला अस्पताल में सी-सेक्शन (सिजेरियन) के लिए कोविड ओटी तैयार की जाए। जहां समुचित सावधानी बरती जाए, पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट), कीटाणुशोधन और बायो मेडिकल कचरे का निस्तारण मानकों के अनुरूप कराई जाए। इस बारे में सभी स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जाए। इसके अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-एफआरयू (फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट) में कोविड लेबर रूम तैयार किया जाए।

मानना होगा निर्देश

साथ ही निर्देश में कहा गया है कि 102 एंबुलेंस का उपयोग गर्भवती महिलाओं, विशेषकर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला महिला अस्पताल में रक्त जांच व अन्य जांचों जैसे अल्ट्रासाउंड सहित प्रसव पूर्व देखभाल के लिए लाने के लिए किया जाता रहेगा। यदि कोरोना के कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो केवल 108 एंबुलेंस की मदद से ही अस्पताल जाएं। इसके अलावा कहा गया है कि आशा और एएनएम कोविड संभावित/पुष्टि वाली गर्भवती महिलाओं की लाइन लिस्टिंग करेंगी और जिला चिकित्सालयों में प्रसव के लिए जन्म की योजना के बारे में परामर्श देंगी। इस बारे में वह प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/चिकित्साअधीक्षक को सूचित भी करेंगी।