गोरखपुर (ब्यूरो)।अचानक इतनी फोर्स और बुलडोजर देख आस-पास के लोग जहां थे वहीं ठहर कर तमाशा देखने लगे। राकेश यादव और उसके दो भाइयों के अवैध निर्माण पर सुबह 11 बजे बुलडोजर और पोकलेन मशीन से तोड़-फोड़ शुरू हुई। शाम 6 बजे यानी सात घंटे में माफिया का तीन मंजिला घर देखते ही देखते ध्वस्त होकर मिट्टी में मिल गया।

जीडीए की जांच में अवैध मिला निर्माण

गुलरिहा के झुंगिया बाजार में राकेश यादव का पुश्तैनी मकान है। बताया जा रहा है कि इस मकान में राकेश यादव, उसके दो भाई योगेश यादव और सत्येन्द्र यादव का भी हिस्सा था। कुछ दिन पहले झुंगिया स्थित मकान की जांच के लिए गुलरिहा पुलिस ने जीडीए को पत्र लिखा था। पुलिस ने पूछा था कि मकान एरिया के मुताबिक माप और नक्शे के अनुरूप है या नही? जिसके बाद जीडीए ने जांच की। मामला डीएम कोर्ट से कमिश्नर कोर्ट गया। वहां अवैध निर्माण घोषित होने के बाद जीडीए टीम ने मंगलवार को माफिया के घर जाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की।

नहीं मिला कोई मानचित्र

जीडीए चीफ इंजीनियर किशन सिंह ने बताया, यहां 650 वर्ग मीटर जमीन पर 450 वर्ग मीटर हिस्से में मकान बना था। इस संपत्ति का अनुमानित मूल्य 4.5 करोड़ रुपए है। जांच के लिए समय देने के बाद भी गृहस्वामी ने कोई भी स्वीकृति मानचित्र प्रस्तुत नहीं किया, न ही जमीन के पुख्ता कागजात दिखा पाए। जिसके विरुद्ध 29 मई 2023 को सूचना जारी की गई। वहीं, राकेश की पत्नी अनिता ने बताया कि उन्हें कोई नोटिस नही मिला है। आज अचानक जीडीए और फोर्स आई और मकान खाली करवाकर मकान गिराने लगी। अनिता का कहना है की उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं, अब उनको लेकर कहां जाएं।

जमानत हटवा जेल गया माफिया

पुलिस की सख्ती देख अभी हाल ही में माफिया राकेश यादव जमानतदार से जमानत वापस करवाकर जेल चला गया। चिलुआताल में साल 2019 में दर्ज हत्या का प्रयास, साजिश रचने के एक मुकदमे में राकेश की जमानत तिवारीपुर के घुंनघुन कोठा निवासी रामलाल यादव ने ली थी। तीन जून को रामलाल ने जमानत वापस ली और राकेश कोर्ट में हाजिर होकर जेल चला गया।

छह कम्बल टीम थी तैनात

कार्रवाई के दौरान पुलिस की 6 कम्बल टीम लगी थी। वह इसलिए कि अगर ध्वस्तीकरण के दौरान कोई महिला या अन्य आदमी आग लगाने का प्रयास करे तो कम्बल टीम उसे कवर करे। वहीं, हर एक महिला के पीछे महिला सिपाही तैनात थी। साथ ही झुंगिया इलाके में चप्पे-चप्पे पर पीएसी और पुलिस बल तैनात था।

राकेश यादव पर दर्ज हैं 51 मुकदमे

साल 2022 में छह माह के लिए जिलाबदर किया गया था राकेश

ओमप्रकाश पासवान हत्याकांड से सुर्खियों में आया था राकेश यादव

पुलिस की फाइल में किसान है माफिया राकेश

पुलिस ने माफिया राकेश यादव की कुंडली तैयार की है, जिसमें उसके माता, पिता, लड़का, भाई, चाचा, ताऊ और मौसा-मौसी के घर के सदस्यों के कुल 15 नाम और मोबाइल नंबर दर्ज हैं। इसके साथ ही कुंडली में लूट, डकैती, हत्या और हत्या का प्रयास करने वाले माफिया राकेश यादव का व्यवसाय कृषि लिखा गया है। इसी से राकेश की शातिराना दिमाग का अंदाजा लगाया जा सकता है कि लूट, डकैती करने वाले माफिया ने सेटिंग कर अपने व्यवसाय को कृषि दर्ज करा दिया था। माफिया गैंग के सदस्य और सहयोगियों की संख्या 10 है। राकेश के खिलाफ गोरखपुर, महराजगंज, आजमगढ़ और संतकबीर नगर में मुकदमा दर्ज है। माफिया के 6 मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन हैं। इसके गैंग पंजीकरण की कार्रवाई बीस वर्ष पहले 1997 में की गई थी।

माफिया राकेश यादव का घर जीडीए के नियमानुसार ध्वस्त किया गया है। किसी भी नियम का उल्लंघन नही किया गया है। नियमानुसार आगे भी माफिया पर कार्रवाई चलती रहेगी।

मनोज कुमार अवस्थी, एसपी नॉर्थ