गोरखपुर (ब्यूरो)। परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल रहा। नम आंखों के बीच मृत बच्ची प्रतिभा (14) और साक्षी (10) के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, स्कूल जहां बंद रहा। वहीं, स्कूल प्रबंधन का भी कहीं कोई अता-पता नहीं था। स्कूल के आसपास फोर्स तैनात रही। वहीं, बस में मौजूद रहे बच्चों ने बताया कि ड्राइवर के एक हाथ में नमकीन और दूसरे में स्टेयरिंग थी। 70 किमी। प्रति घंटा की स्पीड से ड्राइवर बस चल रहा था और लापरवाहीपूवर्क ओवरटेक करने के चक्कर में हादसा हो गया।

बच्चे गए नहीं स्कूल

स्कूल बस हादसे के बाद शनिवार को यूएस सेंट्रल एकेडमी पर सन्नाटा छाया रहा। बस हादसे की घटना के बाद सहमे पेरेंट्स ने बच्चों को स्कूल पढऩे के लिए नही भेजा। वहीं, मौके पर कानून व्यवस्था न बिगडऩे पाए, इसके लिए सीओ खजनी ओमकार दत्त तिवारी सुबह ही विद्यालय पर पहुंच गए। जानकारी अनुसार यूएस सेंट्रल एकेडमी के विद्यालय प्रबंधन ने घटना के बाद विद्यालय पर छुट्टी कर दी है।

देर रात स्कूल के बाहर प्रदर्शन

सिकरीगंज इलाके में शुक्रवार की रात जैसे ही मृत छात्रा प्रतिभा और साक्षी का शव पहुंचा। लोगों की भीड़ जमा हो गई। मृतका प्रतिभा के परिजनों ने शव को दाह संस्कार कर दिया, लेकिन मृतका साक्षी के चाचा अनुप चंद शव को लेकर स्कूल के गेट पर पहुंच गए। प्रदर्शन करने लगे। इसी बीच सिकरीगंज पुलिस को भनक लग गई। वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। माहौल ना बिगड़े। इसके लिए पुलिस ने अनूप चंद को अपने साथ लेती गई। शनिवार को सुबह परिजन अनुप चंद को छोडऩे की मांग करने लगे। पुलिस के समझाने के बाद मामला शांत हुआ। उधर पुलिस ने देर शाम अनूप चंद को छोड़ दिया गया।

कठघरे में स्कूल प्रबंधन

हादसे में शिकार बच्चों के पेरेंट्स का आरोप है कि विद्यालय प्रबंधन को बस में बच्चों को हो रही समस्या के बारे में कई बार अवगत कराया गया। लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने उनकी एक नही सुनी। अब दो बच्चों की मौत होने के बाद मदद का आश्वासन दे रहे हैं और पत्र वायरल करा रहे हैं और खुद सामने नहीं आ रहे।

प्रबंधक ने पुलिस को दी तहरीर

यूएस सेंट्रल एकेडमी के प्रबंधक प्रेम चंद जायसवाल ने शनिवार को सिकरीगंज थाना प्रभारी को तहरीर दी, जिसमें उन्होंने अज्ञात वाहन के कारण हादसा होने की बात कही है। उन्होंने अज्ञात वाहन पर कार्रवाई की मांग की है।

घायल बच्चे हालत खतरे से बाहर

हादसे में घायल बच्चों का इलाज निजी और जिला अस्पताल में चल रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। डॉक्टर बच्चों का प्रापर इलाज कर रहे हैं। दूसरे दिन भी जिला अस्पताल के एसआईसी भर्ती छात्र को देखने के लिए पहुंचे।

लापरवाही के कारण हादसा

क्षेत्र के शैलेष कुमार की बहन दिव्या यूएस सेंट्रल एकेडमी विद्यालय में कक्षा 11 में पढ़ती है। वह स्कूल जाने के लिए सुबह ही बस में अन्य बच्चों के साथ बैठी थी। शैलेश कुमार का कहना है कि मुझे दिव्या ने बताया कि ड्राइवर रामजी यादव के एक हाथ से नमकीन खा रहा था और दूसरे हाथ से स्टेयरिंग पकड़े था। 70 की स्पीड में लापरवाहीपूर्वक डंपर को ओवरटेक करते समय हादसा हो गया।

बेटे को भी चोट

साक्षी के पिता सुनील कुमार ने बताया, बस में साक्षी और मेरा इकलौता बेटा मोक्ष था। बेटे के सिर और पैर में चोट लगी है। मुझे काफी देर बाद दुर्घटना की जानकारी मिली।

साक्षी के बाबा महेश प्रसाद ने कहा, विद्यालय की ओर से परिवार की कोई मदद नहीं की गई। ड्राइवर की घोर लापरवाही से हादसा हुआ है। गाड़ी भी मेंटेन नहीं थी। बस की क्षमता अधिकतम 30 बच्चों को बैठाने की थी, लेकिन करीब 50 बच्चे बैठे थे।

घटना दुखद है। पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में दोनों बच्चियों का दाह संस्कार हुआ। मामले में परिजन की तरफ से कोई तहरीर नही मिली है। क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम है।

ओंकार दत्त त्रिपाठी, सीओ खजनी