लखनऊ (ब्यूरो)। परिवहन निगम द्वारा यात्री सुरक्षा के लिए लगातार कदम उठाये जा रहे हैं, जिसमें ट्रैकिंग सिस्टम, पैनिक बटन, स्पीड कंट्रोल सिस्टम समेत अन्य कवायद करने के आदेश दिए गये थे। इसे लगाने की कवायद 2020-21 में शुरू हुई थी, जिसके लिए निर्भया स्कीम के तहत फंड भी मिला था। पर इसके बावजूद निगम की अधिकतर बसों में ये सिस्टम एक्टिवेट नहीं हो सके हैं, जबकि सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि यात्री सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीर है। जल्द ही सभी बसों में सिस्टम लग जाएगा।

वीएलटीडी सिस्टम लगा रहे

परिवहन निगम के पास करीब 12 हजार बसें है। इसमें नई और पुरानी दोनों शामिल हैं। बसों को एक निर्धारित लोकेशन के तहत जाना होता है, लेकिन अकसर शिकायत मिलती है कि बसें अपने तय रूट से हट कर चलती हैं। इसको देखते हुए बसों में व्हीकल लोकेशन एंड ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगना था। यह सिस्टम लगाने का टेंडर 2022-23 में तत्कालीन एमडी संजय कुमार के दौरान हुआ था। इसके लिए करीब दो बार टाइम लिमिट को बढ़ाया गया था, लेकिन इसे लगाने का आदेश करीब छह माह पूर्व मौजूदा एमडी मासूम अली सरवर के दौरान दिया गया। अबतक यह करीब 5 हजार बसों में लगाया जा चुका है। साथ ही कमांड कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन बीते मार्च माह में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने किया था। जहां से बसों की ट्रैकिंग शुरू हो चुकी है।

पैनिक बटन और स्पीड कंट्रोलर लग रहे

इसके अलावा बसों में इमरजेंसी के दौरान पैनिक बटन और बसों को ओवरस्पीडिंग से रोकने के लिए डिवाइस लगाने का भी आदेश दिया गया था। यह भी महज पांच हजार बसों में ही लगी है और बाकि पुरानी बसों में लगाई जा रही है। नई बसों में यह सभी सिस्टम पहले से ही लग के आ रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, वीएलटीडी, पैनिक बटन, और स्पीड कंट्रोल डिवाइस एक्टिवेट हो चुके हैं, जिनपर कमांड सेंटर से नजर रखी जा रही है। बसों की अधिकतम स्पीड 70 किमी प्रति घंटा और एक्सप्रेस-वे पर 80 किमी प्रति घंटा तय की गई है। इससे अधिक रफ्तार होने पर सेंटर पर सूचना पहुंच जाती है। जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं, पैनिक बटन बजने पर भी तत्काल मदद दी जा रही है।

राही एप से करें बसों को ट्रैक

परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि कमांड सेंटर पूरी तरह से चालू है। यात्री भी अपने स्तर से बसों को ट्रैक कर सकते हैं। इसके लिए उनको अपने मोबाइल पर राही एप डाउनलोड करना होगा। इसमें बसों की सही लोकेशन, एसओएस, शिकायत समेत अन्य सुविधाएं भी मिल रही हैं।

वीएलटीडी, पैनिक बटन, स्पीड कंट्रोल डिवाइस लगातार लगाये जा रहे हैं। अबतक 5 हजार बसों में यह सिस्टम चालू हो चुका है। जल्द ही अन्य बसों में लग जाएगा। विभाग यात्री सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है।

-अजीत सिंह, प्रवक्ता, परिवहन निगम