कैंपेन : हमें चाहिए समाधान
- चालान काटकर ट्रैफिक डिपार्टमेंट हो रहा मालामाल
- सिटी में पब्लिक के लिए नहीं बढ़ी ट्रैफिक फैसिलिटी
GORAKHPUR: जिम्मेदारों की अनदेखी से गोरखपुर सिटी का ट्रैफिक बेकाबू होता जा रहा है। फिर भी सिटी में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने वालों के चालान काटकर यातायात महकमा खूब फल-फूल रहा है। हर साल लाखों रुपए का जुर्माना वसूलने वाली ट्रैफिक पुलिस सुगम यातायात के लिए किसी तरह की सुविधा नहीं दे पा रही। शहर में एक तरफ जहां पार्किंग का अभाव है। वहीं जहां-तहां खड़े होने वाले वाहनों से जाम लगता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर चालान काटकर जुर्माना वसूलने का नियम है। इसके तहत ही कार्रवाई की जाती है।
चालान से आ रहे करोड़ों रुपए
ट्रैफिक पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार नियम तोड़ने वालों से करोड़ों रुपए की कमाई ट्रैफिक पुलिस कर रही है। साल दर साल शमन शुल्क की रकम बढ़ती जा रही है। लेकिन पब्लिक को ट्रैफिक जाम से निजात नहीं मिल रही और पार्किंग सहित अन्य सुविधाओं का अभाव है। मौका मिलते ही ट्रैफिक एसआई और दीवान चालान काट देते हैं। इससे लोगों को कभी-कभी गुस्सा भी आता है। कई बार जानकारी के अभाव में इनके शिकार बन रहे।
कार्रवाई चालान जुर्माना
बाइक पर तीन सवारी चलना 2047 3,33,400
नो पार्किग 17,694 1815000
बिना सीट बेल्ट बांधे फोर व्हीलर 2056 50,500
बिना हेलमेट बाइक चलाना 32,759 35,76,500
बिना डीएल व्हीकल ड्राइव करना 6219 6,76,700
अन्य नियमों का उल्लंघन 2580 3,13,000
(नोट: आंकड़े ट्रैफिक पुलिस के अनुसार एक जनवरी 2021 से 30 जून 2021 तक के हैं.)
5 साल में कटे चालान और वसूला गया शमन शुल्क
वर्ष चालान शमन शुल्क
2020 1,64,902 3,30,67,300
2019 73,446 2,15,13,500
2018 15,765 38,27,050
2017 19,434 37,29,100
2016 20,368 31,52,500
इन नियमों के उल्लंघन पर ज्यादा चालान
- बाइक चलाते समय हेलमेट न पहनना।
- बाइक पर तीन सवारी चलना।
- ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना।
- व्हीकल ड्राइव करते हुए कागजात न रखना।
- सिग्नल ओवरशूट करना।
- सीट बेल्ट न बांधना और मोबाइल पर बात करना।
- गलत जगह पर गाड़ी की पार्किंग करना।
- खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाना, स्टंट दिखाना।
वर्जन
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर चालान काटकर जुर्माना लिया जाता है। लोग जानबूझकर नियमों का पालन नहीं करते हैं। ट्रैफिक नियम तोड़ने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
आरएस गौतम, एसपी ट्रैफिक