- डीडीएमए करेगा पब्लिक को अवेयर, चलेगा अभियान

- हर साल होती है मौत, तबाह होता है लोगों का घर-बार

GORAKHPUR: बारिश के सीजन में हर साल आसमान से मौत बरसती है। आसमान से गिरने वाली बिजली से इंसान, पेड़-पौधों से लेकर पशुओं तक को हानि पहुंचती है। इस सीजन में भी आसमानी बिजली से होने वाली मौतों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में दामिनी एप जानमाल के नुकसान को रोकने में मददगार बन सकता है। डीडीएमए गोरखपुर की तरफ से दामिनी एप को लेकर अवेयरनेस का प्रोग्राम शुरू किया गया है। जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि दामिनी एप एक बेहतर विकल्प है। इसलिए इसका उपयोग हर मोबाइलकर्ता को करना चाहिए।

अप्रैल से छह जून तक आठ की हुई मौत

आसमानी बिजली गिरने से हर साल लोगों की मौत होती है। इससे होने वाले नुकसान को पहले से रोकने का कोई उपाय न होने से जिला प्रशासन भी हाथ खड़े कर लेता है। जनहानि होने पर सिर्फ सरकारी सहायता देकर ही प्रशासन की जिम्मेदारी पूरी हो जाती है। ऐसे में जनहानि को रोकने के लिए दामिनी एप काफी कारगर हो सकता है। एप पर रजिस्टर्ड होने के बाद इसकी जानकारी संबंधित यूजर को मिलने लगती है। समय रहते अलर्ट मिलने से सुरक्षा का प्रबंध किया जा सकता है। आपदा से जुड़े लोगों का कहना है कि इस एप के प्रचार प्रसार को लेकर तैयारी की गई है। ज्यादा से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करके खुद को बचा सकते हैं। बता दें कि इस साल अप्रैल से लेकर छह जून तक आठ लोगों की आसमानी बिजली से मौत हुई। हांलाकि इनको प्रशासन की तरफ से सहायता दी गई है। वहीं, दुर्घटना के अन्य शिकारों की डिटेल तहसीलवार तैयार की जा रही है।

ये सुविधा है उपलब्ध

लाइटेनिंग एप में सावधानी और बचाव से संबंधित सुविधा उपलब्ध है।

लाइटेनिंग क्या है। इसके नुकसान और बचाव के तरीके की जानकारी है।

बिजली चमकने और बादल गरजने के दौरान क्या करें, क्या ना करें।

लाइटेनिंग के दौरान क्या- क्या सेफ्टी टूल्स अपनाएं जाने चाहिए। इसके बारे में जानकारी दी गई है।

ऐसे करता है काम

दामिनी एप मिनिस्ट्री आफ अर्थ साइंसेज, गवर्नमेंट आफ इंडिया से जुड़ा है

यह एक लाइटेनिंग अलर्ट का एप है।

एप में एक निश्चित दूरी पर बिजली के संबंध में जानकारी देने की व्यवस्था है

एप के जरिए करीब 20 किमी के भीतर बिजली गिरने का अलर्ट मिलता है

मौसम खराब होने पर बिजली गिरने की संभावना में 30 से 40 मिनट पहले अलर्ट

ये हैं बचाव के उपाय

-बिजली चमकने और गिरने की संभावना में खुले स्थान पर न रहें

-किसी पेड़ के नीचे जाने के बजाय बंद स्थान और मकान में ठहरे।

-लोहे के राड वाले छाता का इस्तेमाल न करें। बिजली के कंडक्टर से दूर रहे

-बाइक, बिजली के खंभे, मशीन, टीनशेड वाले छांव से दूर रहकर बचाव करें

-किसी भी नदी, तालाब और पानी के जमाव वाली जगहों पर इकट्ठा न हों

-बिजली चमकने के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल कतई न करें।

दामिनी एप बेहद ही कारगर है। बिजली से होने वाली दुर्घटना को रोकने के लिए यह उचित विकल्प के रूप में काम आ सकता है। इसका प्रचार प्रसार व्यापक पैमाने पर कराया जाएगा। हर कोई इसे मोबाइल फोन में डाउनलोड कर यूज कर सकता है।

गौतम गुप्ता, जिला आपदा विशेषज्ञ