गोरखपुर (ब्यूरो) वीसी के निर्देश पर कुलसचिव विश्वेश्वर प्रसाद ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। दो पूर्व वीसी और एक कार्य परिषद सदस्य को शामिल करके बनी कमेटी प्रो। गुप्त पर लगे आरोपों की जांच करेगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से उन सात प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिन्होंने धरने में प्रो। गुप्त का साथ दिया है। प्रो.गुप्त पिछले कई महीने से वीसी के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर लिख रहे हैं, उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे थे। उन्होंने वीसी के खिलाफ राजभवन को भी पत्र लिखा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन और अधिकारियों की गरिमा को धूमिल करने को लेकर वीसी की ओर से उन्हें आठ बार नोटिस भी दिया जा चुका है।

सत्याग्रह रोकने की हुई कोशिश

दो दिन पूर्व उन्होंने पं.दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के सामने सत्याग्रह करने की घोषणा की थी। मंगलवार को जब वह निर्धारित स्थल पर धरना देने पहुंचे तो अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो। अजय ङ्क्षसह ने उन्हें रोकने की कोशिश की। करीब एक घंटे की बहस के बाद भी धरना जारी रहा। इसी दौरान प्रो। गुप्त के समर्थन में प्रो। चंद्रभूषण अंकुर, प्रो। उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो। अजेय कुमार गुप्ता, प्रो। सुधीर कुमार श्रीवास्तव, प्रो। वीएस वर्मा, प्रो। विजय कुमार, प्रो। अरङ्क्षवद चतुर्वेदी भी पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। धरने का सिलसिला चार घंटे चला।

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वीसी एजुकेशनल टूर पर विदेश रवाना

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। राजेश ङ्क्षसह मंगलवार की शाम 10 दिन की शैक्षणिक यात्रा पर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए रवाना हो गए। वह वहां अनेक प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों में जाएंगे। साथ ही यूनिवर्सिटी आफ मेरीलैंड और जान होपङ्क्षकस यूनिवर्सिटी के कई कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वीसी ने बताया कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी के शैक्षिक उन्नयन के लिए दोनों ही यूनिवर्सिटी के साथ करार का प्रयास किया जाएगा। यूनिवर्सिटी आफ मेरीलैंड रिसर्च, इंटरप्रेन्योरशिप और इनोवेशन की ग्लोबल लीडर है। उससे करार में सफलता मिलती है तो गोरखपुर यूनिवर्सिटी के शोध की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी।