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- रसूलपुर के भट्टा एरिया में बने नाले का पानी फैल रहा एरिया में

- 2013 में यहां जल जमाव के कारण बन गई थी पलायन की स्थिति

GORAKHPUR: नगर निगम में काम कम, कारनामे अधिक होते हैं। यह हम नहीं, निगम के ही काम बोलते हैं। रसूलपुर एरिया के अजय नगर भट्टा में बने नाला को ही लीजिए तो 35 लाख खर्च कर नाला बना तो था जलनिकासी के लिए, लेकिन यही जलजमाव का सबब बन गया है। दो साल पहले बने नाले से डेली उसका करीब 40 प्रतिशत पानी मोहल्लों के खाली प्लॉट में फैल रहा है। लगातार रिसाव के कारण नाले के आस-पास के एरिया में जलकुंभी तक उग आई हैं।

जलजमाव खत्म करने के लिए बना था

2013 में जबरदस्त बारिश हुई और रसूलपुर एरिया का अजय नगर भट्टा पूरी तरह से डूब गया। स्थिति यह हुई कि इस एरिया में रहने वाले ढाई सौ के लगभग परिवार के सामने पलायन की स्थिति बन गई। लोगों को अपने घरों से निकलकर छत या बाहर रोड पर रहना पड़ा था। तीन दिन में जब यहां से पानी निकला तो इस एरिया के लोगों ने संपवेल और नाला निर्माण की मांग की। तब यहां जलजमाव खत्म करने के लिए नाले की नींव पड़ी।

2014 में हुआ तैयार

2014 में नाला निर्माण का कार्य शुरू हुआ और उसी साल ठंड के मौसम तक यह बनकर तैयार हो गया। नाला बनने से एरिया को तत्काल फायदा भी मिला। एरिया में रहने वाले लगभग एक हजार परिवार को जल जमाव के साथ गंदगी, बदबू से भी काफी हद तक राहत मिल गई लेकिन तीन से चार माह बाद ही बीच में खाली जगह पर लगभग 10 मीटर तक नाले की एक तरफ की दीवार गिर गई।

2015 से ही हो रहा रिसाव

दीवार तो ठीक कर दी गई लेकिन 2015 से ही नाले से पानी रिस रहा है। नाले का पानी लगातार खाली प्लाटों में बह रहा है। यहां रहने वाले अली हसन का कहना है कि रिसाव बढ़ता ही जा रहा है। वहीं मोहम्मत मुकीम के घर के पीछे गड्ढा है जहां नाले का पानी भर गया और जलकुंभी तक उग आई है।

बारिश में टूट सकता है नाला

लोगों का कहना है कि अभी सामान्य दिन में ही नाला रिस रहा है। यदि अभी मरम्मत नहीं की गई तो बारिश के मौसम में इस नाले को टूटने से कोई बचा नहीं सकता है। रिटायर्ड सिविल इंजीनियर एके सिंह का कहना है कि बहने वाले पानी में एक गुण होता है। वह अपना रास्ता तलाश लेता है और रास्ता चौड़ा भी कर लेता है। अभी नाले के पानी में फोर्स नहीं है, लेकिन बारिश के पानी में फोर्स अधिक होता है और स्थिति यह होगी कि नाले का रिसाव बढ़ता जाएगा और कुछ देर या दिन बाद नाला ही तोड़ देगा।

कॉलिंग

नगर निगम कोई भी कार्य सही तरीके से नहीं करता है। निगम की सड़क दो माह में टूट जाती है, हैंडपंप पानी देना बंद कर देता है। रसूलपुर के नाले की हालत नगर निगम के अफसरों की लापरवाही का परिणाम है।

जुबेर अहमद, व्यापारी

रसूलपुर एरिया में नगर निगम की लापरवाही साफ दिखती है। यहां पर रोड हो या नाला सभी कुछ में गोलमाल होता है और अधिकारी कुछ नहीं बोलते हैं।

रसीद हुसैन, सर्विसमैन

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