-ट्रेवेल एजेंसी के ड्राइवर ने साथियों संग मिलकर रची साजिश

-अच्छे काम से खुश होकर जिस मैडम ने दिया इनाम, उसकी ली जान

-विंध्वासिनी नगर मोहल्ले की घटना से सारे शहर में फैल गई थी सनसनी

क्राइम फाइल्स

घटना: रेलवे के अधिकारी, उनकी प्रिंसिपल पत्‍‌नी का मर्डर

स्थान: कोतवाली एरिया का विंध्यवासिनी नगर मोहल्ला

समय: 07 जनवरी 2016, रात के करीब दो बजे

कोतवाली एरिया के विंध्यवासिनी नगर मोहल्ले में सुबह-सुबह अचानक ही पुलिस के सायरन की आवाज गूंजने लगी। एक-एक करके पुलिस अधिकारी पहुंचने लगे। फारेसिंक टीम, डॉग स्कवायड की टीम सहित पूरा अमला पूर्वोत्तर रेलवे के डिप्टी चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर संजय कुमार के सामने जम गया। कुछ पलों में मोहल्ले के लोगों को इस बात की खबर हो गई कि संजय श्रीवास्तव (50) और उनकी पत्‍‌नी तूलिका श्रीवास्तव जोकि एचपी चिल्ड्रेन एकेडमी में हेडमिस्ट्रेस थीं। दोनों की बेड रूम में निर्मम तरीके से गला रेतकर हत्या कर दी गई है। सनसनीखेज वारदात की जानकारी तब सामने आई जब संजय के बहनाई को तूलिका के स्कूल से फोन आया और वो इन दोनों की खोज खबर लेने उनके घर पहुंचे। घर के अंदर के हालात कुछ इस तरह थे मानो लूट भी हुई है। सभी सामान बिखरे थे। आलमारियों के साथ अटैची वगैरह खंगाला गया था। इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में अपराधियों तक पहुंचने के लिए पहली बार घर में ही पूरा क्राइम सीन क्रिएट किया गया। बारीकी सबूत और फिंगर प्रिंट लिए गए। सीनियर पुलिस अफसरों की मौजूदगी में साढ़े पांच घंटे तक इंवेस्टिगेशन चली। नतीजा शून्य निकलने पर सबके माथे पर पसीना आ गया। तब पुलिस को ये जानकारी मिली कि पति-पत्नी घर में अकेले रहते थे। उनका बेटा प्रणव उर्फ हर्षुल मुंबई में साउंड इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गया था। एक साथ सवाल कई थे जिनका जवाब तलाशने की जद्दोजहद घंटों चलती रही।

सबसे पहले पहुंचे रिश्तेदार, भीतर का हाल देख रह गए सन्न

देवरिया जिले के पिपरा निवासी प्रो। गोपाल श्रीवास्तव डीडीयू यूनिवर्सिटी में जूलॉजी डिपार्टमेंट में कार्यरत थे। उन्होंने शहर के सबसे अच्छी कालोनी विंध्यवासिनी नगर में घर बनवाया था। पिता के घर में संजय और उनकी पत्‍‌नी तुलिका रहते थे। प्राइवेट स्कूल में प्रिंसिपल तूलिका को लेने के लिए रोजाना सुबह स्कूल से गाड़ी आती थी। गाड़ी लेकर ड्राइवर पहुंचा। हॉर्न बजाने पर कोई रिस्पांस नहीं मिला तो वह स्कूल लौट गया। स्कूल से भी प्रिंसिपल मैम के मोबाइल पर काल लिया गया। बात नहीं हुई तो संजय की बहन आरती को बताया गया। आरती के पति डॉ। दीपक श्रीवास्तव जब तूलिका के घर पहुंचे तो भीतर जाने पर उनके होश उड़ गए। कमरों का दरवाजा खुला हुआ था। अंदर सब कुछ अस्त व्यस्त था और बेडरूम में बेड पर दोनों की लाश पड़ी थी। संजय के मुंह पर दो और तूलिका के मुंह पर एक तकिया रखकर ढका गया था। गले से निकलने वाले खून से बेड पूरी तरह से भींग चुका था। वारदात की सूचना पाकर कोतवाली में तैनात कांस्टेबल विजय प्रकाश दीक्षित पहुंचे। इसके बाद सीओ कोतवाली अशोक पांडेय, इंस्पेक्टर विजय राज सिंह भी पहुंच गए। मामला हाई प्रोफाइल देख एसपी सिटी हेमंत कुटियाल, सीओ क्राइम ब्रांच अभय मिश्रा ने फॉरेसिंक टीम, डॉग स्क्वॉयड को भी बुला लिया। कुछ देर बाद तत्कालीन सदर सांसद योगी आदित्यनाथ, मेयर डॉ। सत्या पांडेय, नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल, आईजी पीसी मीणा, डीआईजी आरके चतुर्वेदी, एसपी क्राइम ब्रांच मानिक चंद सरोज सहित मृत दम्पति के रिश्तेदार, रेलवे के अफसर और स्कूल के लोग भी आ गए।

कई बिंदुओं पर भटकती रही पुलिस की टीम

जांच पड़ताल में प्रापर्टी को लेकर पुलिस फोकस हुई। माना जा रहा था कि डबल मर्डर को छिपाने के लिए लूट का रूप का दिया गया है। घर में पड़ी चाय की कप, प्लेट सहित कई चीजों से पुलिस का संदेह करीबियों पर होने लगा। दंपति का मोबाइल फोन भी गायब था। इसलिए कई एंगल से जांच कर रही थी। किसी को इस बात को यकीन नहीं था कि एक ट्रेवेल एजेंसी के ड्राइवर ने अपने साथियों संग मिलकर वारदात को अंजाम दिया होगा। तीन दिन के भीतर पुलिस ने ड्राइवर और उसके शरणदाता सगे मामा को गिरफ्तार करके तूलिका का मोबाइल, लैपटॉप सहित तकरीबन तीन लाख की ज्वेलरी बरामद की। सात जनवरी 2016 की रात हुई वारदात की यह वजह सामने आई।

अच्छे स्वभाव को देखकर बना लिया लूटपाट, मर्डर का प्लान

पुलिस ने आरोपित पिंटू उर्फ अनवर और उसके मामा महताब हुसैन को पकड़ा। पिंटू ने पुलिस को बताया कि उनके साथ पत्थर काटने वाला गोलू, सोनू उर्फ रेहान और राजू भी शामिल थे। पिंटू ने बताया कि उसने टेंपो खरीदने के लिए 50 हजार रुपए का कर्ज लिया था। इसलिए उसे रुपए की जरूरत थी। तूलिका और संजय को जब भी कहीं जाना होता तो वह पिंटू को बुलाते थे। उसके काम से खुश होकर तूलिका ने एक बार पिंटू को छह सौ रुपए का इनाम भी दिया था। इसलिए पिंटू को लगा कि इनसे साफ्ट टारगेट कोई नहीं हो सकता है। पांच जनवरी की शाम वह रेकी करने आया। सात की रात में दो बजे चोरी के लिए घर में घुसा। बाहर बनी सीढ़ी से छत पर चढ़ गया। फाइबर शीट का स्क्रू खोलकर और पानी की पाइप के रास्ते घर में दाखिल हो गया। नींद खुलने पर दंपति ने पिंटू को पहचान लिया। इसलिए साथ गए गोलू ने तूलिका का पैर पकड़ा और सोनू ने गले पर चाकू से वार कर दिया। पिंटू ने संजय का पैर पकड़ा और राजू ने उनको चाकू मार दिया। तूलिका के फोन से मामा को काल करके पिंटू और उसके साथी बस पकड़कर लखनऊ से फतेहपुर चले गए। तूलिका के फोन हुए काल ने पुलिस को कातिलों तक पहुंचा दिया। यह एक ऐसी घटना थी जिसके बाद पॉश कालोनियों में सुरक्षा का दायरा बढ़ा दिया गया। सिक्योरिटी गार्ड लगाकर सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी गई।

बेड पर ही दंपति का मर्डर हुआ था। इसकी छानबीन में आरोपित पकड़े गए थे। यह एक ऐसा हाई प्रोफाइल मर्डर था जिसमें तमाम तरह के सवाल खड़े हुए थे। आरोपित ड्राइवर और उसके साथियों के पास से घर से लूटा गया सामान और ज्वेलरी बरामद हुई थी।

अभय कुमार मिश्र, तत्कालीन सीओ क्राइम