गोरखपुर (ब्यूरो)।स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात सीएचओ साबिया खातून से मुकालत की। वहां पर वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर को दिखाया गया। एक हफ्ते की दवा फ्री मिली और बताया गया कि कान में कोई ड्रॉप नहीं डालना है। इसके बाद राजमती अक्सर हेल्थ केंद्र पर आती है और उन्हें डॉक्टर्स से जोड़ा जाता है। सीएमओ भी प्रतिदिन टेलीकंसल्टेशन के जरिए मरीज देख रहे हैं। हेल्थ कर्मी और आशा की मदद से नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पहुंचकर इस सेवा का लाभ लिया जा सकता है।

डॉक्टर्स के 84 हब सेंटर कर रहे कार्य

जिले में डॉक्टर्स के 84 हब सेंटर कार्य कर रहे हैं। सिटी के जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, अर्बन हेल्थ पोस्ट और सीएचसी और पीएचसी से सेवाएं दे रहे हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी से अलग हटकर वह एक डॉक्टर के तौर पर खुद मरीजों को परामर्श दे रहे है ताकि और भी डॉक्टर सेवा के लिए आगे आएं। इससे मरीजों का समय, पैसा और भागदौड़ से छुटकारा मिलेगा। विशेषज्ञ डॉक्टर मोबाइल के जरिए भी इस एप से जुड़ कर परामर्श प्रदान करते हैं। कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर अशोक पांडेय ने बताया कि सीएचओ को मरीज सारे लक्षण बताते हैं जिन्हें एप में फीड किया जाता है और लक्षणों के आधार पर डॉक्टर दवा और परामर्श देते हैं। सीएचओ को सभी प्रकार की बीमारियों के बारे में ट्रेनिंग दी गई है और वह स्वास्थ्य केंद्रों से फ्री दवा भी देते हैं।

ई संजीवनी एप और टेलीकंसल्टेशन सेवा में गोरखपुर जिले का बेहतर कार्य है। अर्बन और रूरल एरिया के स्वास्थ्य केंद्रों पर इस सुविधा का लाभ दिलाया जा रहा है।

- पंकज आनंद, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक