गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर दौरे पर आए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ। लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि निगम की रोजगारपरक सभी योजनाओं में पात्रता के लिए अब कोई वार्षिक आय सीमा नहीं रहेगी। लेकिन, 2.50 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले एससी बेरोजगारों को वरीयता दी जाएगी। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 46 हजार और शहरी क्षेत्रों में 56 हजार रुपए आय सीमा निर्धारित थी।

50 हजार हुई अनुदान राशि

आय सीमा को मुक्त करने के साथ ही अनुदान की राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। डॉ। निर्मल ने बताया कि कि अनुसूचित जातियों को उद्यमी बनाने के लिए आजादी के बाद पहली बार पात्रता और अनुदान राशि में बड़ा परिवर्तन किया गया है। सरकार के इस प्रोत्साहन से अनुसूचित जाति के लोग कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, हथकरघा उद्योग एवं सेवा व्यापार आदि के तहत अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं।

समूहों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

पीएम-अजय योजना के तहत क्लस्टर बनाकर अनुसूचित जाति के लोगों को उद्यमी बनाया जाएगा। इसके लिए उनके समूहों का चयन होगा और एक क्लस्टर द्वारा प्रस्तुत परियोजना के सफल संचालन के लिए समूहों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उनके उत्पादों को बाजार प्रदान करने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त व विकास निगम के अध्यक्ष डॉ। निर्मल का कहना है कि मोदी-योगी शासनकाल अनुसूचित जातियों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए स्वर्णिम काल साबित हो रहा है।