गोरखपुर (ब्यूरो)।अभी सिर्फ इन बसों से करीब एक लाख 72 हजार रुपए की कमाई हो रही है, जबकि परिवहन निगम दो लाख का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे पूरा करने के लिए अब कम दूरी के रूटों का किराया बढ़ाने की कवायद शुरू हो चुकी है।

अब तक 3 किमी का 5 रुपए

अब पांच रुपए की जगह न्यूनतम किराया बढ़ाने पर विचार चल रहा है। इलेक्ट्रिक बसों का न्यूनतम किराया पांच रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए किए जाने के लिए समिति की ओर से प्रस्ताव दिया गया था। इसके बाद 20 सितंबर को आयेाजित बैठक में निदेशालय की ओर से इलेक्ट्रिक बसों का न्यूनतम किराया पांच रुपए से बढ़ाकर दस रुपए किए जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। अब तक इलेक्ट्रिक बस का एक से तीन किमी की दूरी का न्यूनतम किराया पांच रुपए निर्धारित था।

स्टूडेंट्स को मिल रहा है फायदा

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित निधि प्रबंधक समिति की बैठक में प्रपोजल दिया गया है। इसका लाभ बस में सफर करने वालों और स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स को मिल रहा था। पढऩे वाले बच्चे पांच रुपए में ही इलेक्ट्रिक बस से आसानी से स्कूल पहुंच जाते थे। 18 नवंबर को नगरीय परिवहन निदेशालय के वित्त नियंत्रण की ओर से जारी निर्देश के अनुसार इलेक्ट्रिक बसों के किराए में वृद्धि के प्रस्ताव को लागू करने की बात कहीं गई है। जल्द ही इसे इलेक्ट्रिक बसों में लागू भी कर दिया जाएगा।

किराया बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है। बैठक में इस पर विचार किया जा रहा है। कम दूरी का किराया पांच रुपए की जगह दस रुपए किए जाने पर विचार चल रहा है। जल्द ही प्रस्ताव पर मोहर लग जाएगी।

- केके मिश्रा, डिपो मैनेजर