- लॉकडाउन में गोरखपुर का इलेक्ट्रॉनिक बाजार ढेर

- अप्रैल, मई और जून में होता है 50 प्रतिशत बिजनेस

- प्रशासन से मिली छूट तो खुलीं शॉप्स लेकिन कस्टमर लापता

GORAKHPUR: लॉकडाउन की वजह से गोरखपुर का इलेक्ट्रॉनिक बाजार धड़ाम हो गया है। अप्रैल, मई और जून, ये तीन महीने इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के लिहाज से बहुत ही इम्पॉर्टेट होते हैं। पूरे साल का 50 प्रतिशत बिजनेस केवल इन तीन महीनों में होता है। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से मार्केट बंद रहा, जिससे गोरखपुर में होने वाला करीब सवा सौ करोड़ का बिजनेस शून्य पर आ गया है। व्यापारियों की मानें तो इस बार हुए घाटे से उबरने में पूरा एक साल लग जाएगा।

कम हो गई एसी की डिमांड

समर वेकेशन आते ही गोरखपुर के इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में एसी, फ्रीज, कूलर, पंखा, एग्जॉस्ट कूलर, वॉशिंग मशीन आदि की डिमांड बढ़ जाती है। इसको देखते हुए शॉप कीपर भी डिफरेंट और अट्रैक्टिव सामान शॉप पर मंगाते हैं। कस्टमर भी जहां अधिक रेंज रहती है वहीं जाना पसंद करते हैं। लेकिन इस बार ऐसी नौबत ही नहीं आई। जो सामान पहले से शॉप में थे उन्हें ही शॉप कीपर अभी तक बेच नहीं पाए।

शादियों में भी नहीं बिके सामान

लगन वाले महीनों में टीवी, फ्रीज, एसी, वॉशिंग मशीन समेत कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बिक्री होती है। जिसके हिसाब से शॉपकीपर भी पहले से अधिक माल मंगाकर रखते हैं। लेकिन इस बार लगन में अधिकतर शादियां लॉकडाउन की वजह से टल गईं। वहीं कुछ शादियां हुईं भी तो सोशल डिस्टेंसिंग समेत तमाम नियमों के साथ। इन शादियों से भी इलेक्ट्रॉनिक बाजार से कोई सामान नहीं बिक पाया। इसको लेकर गोरखपुर के व्यापारी काफी टेंशन में हैं।

बरसात में कम हो जाती है डिमांड

व्यापारियों की मानें तो अप्रैल, मई और जून खास महीने होते हैं जिनमें उनकी अच्छी कमाई होती है। इस कमाई से ही वे पूरे साल इतराते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से ऐसा नहीं हो पाया है। व्यापारियों का कहना है कि एसी और कूलर की समर वेकेशन में जबर्दस्त बिक्री होती थी। इस वक्त एसी को कोई पूछ ही नहीं रहा है। वहीं कई लोगों के अंदर ये भी भ्रम है की कोरोना को कम करने के लिए एसी नहीं चलानी है। इस कारण भी एसी के बारे में तो कोई पूछ ही नहीं रहा है। जितने भी कम्प्रेशर प्रोडक्ट होते हैं वो बरसात में बिल्कुल ही नही बिकते हैं। बरसात में इनकी पूछ बिल्कुल कम हो जाती है।

शॉप खुली तो कस्टमर गायब

व्यापारियों का कहना है कि इधर प्रशासन की परमिशन मिलने के बाद इलेक्ट्रॉनिक बाजार खुलना शुरू हो गया है लेकिन बाजार में कस्टमर नहीं आ रहे हैं। वहीं ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगने की वजह से बाहर से नया माल नहीं आ पा रहा है। जिससे कई शॉप्स पर इलेक्ट्रॉनिक सामानों की ज्यादा रेंज भी नहीं है। जबकि कस्टमर जहां ढेरों रेंज होती है वहीं खरीदारी करने पहुंचते हैं।

नहीं बने लोकल कूलर

गोरखपुर में इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में केवल तीन महीनों में सवा सौ करोड़ रुपए का कारोबार होता है। जिसमें 50 करोड़ रुपए का कारोबार तो केवल लोकल इलेक्ट्रॉनिक के कारोबारियों का होता है। गोरखपुर में जगह-जगह कूलर असेंबल किए जाते हैं। ब्रांडेड के मुकाबले इनकी कम रेंज होने की वजह से मिडिल क्लास लोग इसे खरीदना अधिक पसंद करते हैं। हर साल लोकल कूलरों की जमकर बिक्री होती है। रेती चौक मार्केट इसका हब है।

यहां से मंगाते हैं सामान

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, कोलकाता, लखनउ आदि।

व्यापारियों की डिमांड

- बिजली के बिल में कटौती हो।

- टैक्स भरने में छूट मिले।

- ट्रांसपोर्टेशन शुरू किया जाए।

- शॉप में काम करने वाले इम्प्लॉइज को भी मदद मिले।

कोट्स

अप्रैल से जून तक अच्छी सेल होती है। पूरे साल की 50 प्रतिशत सेल केवल तीन महीनों में ही हो जाती है। शॉप में स्टॉक भरे पडे हैं। जब ये सामान निकले तब दूसरा सामान ऑर्डर किया जाए। लेकिन इस साल सारा सामान निकलना बहुत ही मुश्किल है।

गौरांग श्रीवास्तव, ओनर, वैल्यु प्लस

कुछ ऐसी भी अफवाह चली है की एसी नहीं चलानी है जिसके कारण इस बार एसी का बिजनेस बिल्कुल जीरो हो गया है। टीवी, मोबाइल अधिकतर चाइना से अंसेबल होकर आते हैं। इस समय उस पर भी रोक लग गई है। इस बार हुए घाटे से उबरने में एक साल लग जाएगा।

अतुल सिंह, ओनर, क्लाइमेट जोन

बिजनेस का पीक टाइम तो निकल गया। प्रशासन की परमिशन पर शॉप खुली तो उसमें सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर मशीन मंगवाई लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों से निकल ही नहीं रहे हैं। वहीं बहुत से लोग लॉकडाउन में अतिरिक्त खर्चे से बचकर सेविंग पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।

अरविंद त्रिपाठी, ओनर, ओसीएनजी

पूरे साल को 50 प्रतिशत बिजनेस तीन महीनों में होता है। इसका हमें बेसब्री से इंतजार रहता है। पहले से हम लोग लेटेस्ट इलेक्ट्रॉनिक आइटम मंगाकर रखते हैं। लेकिन इस बार लगन ने भी उदास किया और समर वेकेशन में भी कस्टमर इंट्रेस्टेड नहीं दिख रहे हैं।

निखिल अरोरा, ओनर, ओमेगा स्पो‌र्ट्स एंड रेडियो व‌र्क्स

शॉप में रेंज भी कम हैं। जहां से माल आता है वो रेड जोन में हैं। ट्रांसपोर्टेशन भी नहीं शुरू हो सका है। जबकि टैक्स और बिजली का बिल अपने समय पर ही जमा करना है। इसमें अभी कहीं कोई छूट नहीं मिली है।

राहुल सिंह, ओनर, इलेक्ट्रो व‌र्ल्ड