गोरखपुर (ब्यूरो)। पिछले एक साल में 100 स्टूडेंट्स का भी कैंपस प्लेसमेंट नहीं हो सका। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल 2021 में एक्टिव हुआ। इसके बाद यूनिवर्सिटी में कुछ कंपनियां कैंपस सेलेक्शन के लिए आने लगीं। इसके बावजूद दो सालों में इसकी रफ्तार काफी कम रही। अगर पिछले सेशन की बात करें तो नवंबर से लेकर अभी तक मात्र 40 बच्चों का ही प्लेसमेंट हुआ है, जिस यूनिवर्सिटी में 10 हजार से भी ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। उनके सामने ये संख्या काफी कम है।

ज्वॉइन करने के बाद छोड़ा

जिन स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट हुआ, उनमें से ज्यादातर ने ज्वॉइन करने के कुछ ही दिन बाद जॉब छोड़ दी। यह समस्या बीबीए-एमबीए के स्टूडेंट्स के साथ ज्यादा देखने को मिली। स्टूडेंट्स ने बताया कि ज्यादातर कंपनियां सेल्स और मार्केटिंग के लिए आ रही थीं। इंटरव्यू के समय वो ज्यादा पैकेज दिखाते थे। जबकि ज्वॉइन करने के बाद वो कम हो जाता था। इसके अलावा एचआर और फाइनेंस के लिए बहुत कम ऑफर आए।

इन कोर्सेज में नहीं हो रहा प्लेसमेंट

कॉमर्स और मैनेजमेंट को छोड़ दें तो बाकी कोर्सेज में कैंपस सेलेक्शन न के बराबर है। लॉ, जर्नलिज्म, लैंगवेज और साइंस के तमाम कोर्स हैं जिसमें प्लेसमेंट की संभावनाएं हैं, लेकिन इन स्टूडेंट्स को मौका नहीं मिल रहा।

चल रहीं पर्सनालिटी डेवलपमेंट की क्लास

स्टूडेंट्स को इंटरव्यू फेस करने के लिए यूनिवर्सिटी में पर्सनालिटी डेवलपमेंट की क्लासेज चलाई जा रही हैं। कई स्टूडेंट्स डर की वजह से इंटरव्यू में नहीं जाते या फिर अप्लाई ही नहीं करते। इस समस्या को दूर करने के लिए ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की ओर से हर डिपार्टमेंट में ये क्लास चलाई जा रही हैं।

ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को जॉब मिले। ये हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल को निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही यूनिवर्सिटी में एक जॉब फेयर भी आयोजित किया जाएगा।

प्रो। पूनम टंडन, वीसी, डीडीयूजीयू