गोरखपुर (ब्यूरो)।यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में वीसी प्रो। राजेश सिंह ने उत्कल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीय तथा स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने की बात की गई है। यूनिवर्सिटी में संचालित महायोगी गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ की ओर से इंग्लिश और हिंदी भाषा में नाथपंथ पर एनसाइक्लोपीडिया को तैयार किया गया है। अब इसे सात अन्य भाषाओं में अनुवादित किया जाना है। ओडिय़ा भाषा में इसके अनुवाद करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। ओडि़शा में नाथ पंथ काफी प्रचलित है। इसके बाद एनसाइक्लोपीडिया का नेपाली, मराठी, कन्नड़ तथा अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।
ओडिय़ा का शुरु होगा कोर्स
वीसी ने कहा कि सबसे पहले ओडिय़ा भाषा का दो क्रेडिट का कोर्स बनाया जाएगा। उन्होंने नवगठित भाषा संकाय के अंतर्गत हिंदी, इंग्लिश, उर्दू, संस्कृत के साथ-साथ विदेशी एवं भारतीय भाषाओं पर नए पाठ्यक्रम को संचालित करने को कहा। कार्यक्रम के संयोजक पॉलिटिकल साइंस के एचओडी प्रो। रूसीराम महानंदा ने स्वागत भाषण में बताया कि ओडि़शा दिवस को उत्कल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उत्कल का तात्पर्य है उत्कृष्टता। भाषा गरिमा तथा स्वतंत्रता का आत्मबोध करती है। उन्होंने कहा कि ओडि़शा पहला राज्य है जिसे भाषा के आधार पर गठित किया गया था। कार्यक्रम का संचालन डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रो। नंदिता सिंह, प्रो। शोभा गौड़, प्रो। रजनीकांत पांडेय, प्रो। विनीता पाठक, डॉ। राजेश मल्ल, प्रॉक्टर डॉ। सत्यपाल सिंह, दीपेंद्र मोहन सिंह सहित अन्य टीचर्स और स्टूडेंट्स मौजूद रहे।