- सीनियर स्टेट में अपनी टीम लेकर आए जगदीश कालीरमन बोले

- चक दे इंडिया, मैरीकाम, भाग मिल्खा भाग, सुल्तान और अब दंगल से बढ़ी है जागरुकता

GORAKHPUR: फिल्मों का पॉजिटिव असर देश की कुश्ती पर भी पड़ा है। इससे देश में रेसलिंग की सूरत बदलने लगी है। यह कहना है 'सुल्तान' मूवी में सलमान खान के कोच की भूमिका निभा चुके मशहूर पहलवान जगदीश कालीरमन का। मास्टर चंदगीराम अखाड़ा दिल्ली के कोच व उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में इंस्पेक्टर पद पर सहारनपुर में तैनात कालीरमन गोरखपुर में ऑर्गनाइज सीनियर स्टेट रेसलिंग कॉम्प्टीशन में अपनी टीम के साथ हिस्सा लेने के लिए गोरखपुर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ कुश्ती से जुड़ी फैमिली के लोग ही अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते थे और वही कुश्ती सीखने के लिए अखाड़ों में आते थे। मगर अब सूरत बदल चुकी है।

लड़कियां भी दिखा रहीं इंटरेस्ट

कालीरमन ने बताया कि फिल्मों में कुश्ती को बढ़ावा देने से लड़कों में तो इसका क्रेज बढ़ ही रहा है। वहीं लड़कियां भी इस खेल में इंटरेस्ट दिखा रही हैं। वह सीखने के लिए आते हैं और कहते हैं कि हमें सुल्तान जैसा बनना है। ओलम्पिक में साक्षी मलिक के मेडल जीतने के बाद तो लोगों का तांता लग गया है। पेरेंट्स भी अब इस बात को मानने लगे हैं कि स्पोट्र्स में भी बेहतर कॅरियर ऑप्शन है।

गांव में भी हो मैट की सुविधा

तीनों दिन तक उन्होंने यहां के खिलाडि़यों के हुनर को बारीकी से देखा। बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर कुश्ती को आगे बढ़ाना है, तो गांव में भी मैट की सुविधा अब देनी होगी, क्योंकि इसी का अब इसी का फ्यूचर है। हॉकी, कबड्डी, एथलेटिक्स में बदलाव काफी समय पहले हो चुका है, अब कुश्ती में भी इसकी जरूरत है और यह शुरुआत भी हो चुकी है। मैट पर कुश्ती सीखने से फायदा यह होगा कि शुरू से ही बेस अच्छा बन जाएगा। यूपी और जिला कुश्ती संघ के साथ ही एरिया के सांसद और विधायकों को भी इसके लिए कदम आगे बढ़ाने होंगे।

परफॉर्म न करें, तो करें कार्रवाई

अब हर खेल के लिए जरुरी है फिट रहना। मसल्स व बॉडी, पैरों में ताकत, शोल्डर, आर्म, एब्स को मजबूत करने के लिए यह जरूरी है कि जिम का इस्तेमाल किया जाए। आधुनिक खेलों की जरुरतों को देखते हुए सिर्फ दाल, रोटी, चावल, दूध, घी ही काफी नहीं है, बल्कि अब तो बाजार में फूड सप्लीमेंट्स के तौर पर ढेरों ऑप्शन मौजूद है। उन्होंने कहा कि स्पो‌र्ट्स कोटे से नौकरी पाने के बाद जो खिलाड़ी पांच साल के परफॉर्म करना बंद कर दे, तो उनके खिलाफ तो कार्यवाही की जानी चाहिए। खेलों के प्रति प्रधानमंत्री की गंभीरता की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा के बाद यूपी ऐसा पहला प्रदेश है जहां बेहतर खिलाडि़यों के लिए ज्यादा अवसर व पैसा है।