(अमरेंद्र पांडेय)। रुस-यूक्रेन युद्ध में गोरखपुर के 74 मेडिकल स्टूडेंट्स जनवरी से मार्च 2022 तक खुद को बचाते हुए घर तक पहुंच गए, लेकिन आगे की पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित हैैं। अब तक नेशनल मेडिकल काउंसिल की तरफ से इन स्टूडेंट्स के लिए कोई गाइडलाइन नहीं आई है। आगे की पढ़ाई के लिए इन स्टूडेंट्स के पेरेंट्स सीएम तक से मिल अपनी समस्या बता चुके हैैं, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है।
74 एमबीबीएस स्टूडेंट्स को एनएमसी के निर्देश का इंतजार
आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर में अब तक 74 मेडिकल स्टूडेंट्स आ चुके हैैं। यह सभी अपने-अपने घर पर हैैं। चौरीचौरा भोपा बाजार निवासी वैशाली जायसवाल बताती हैैं कि आगे की पढ़ाई के लिए टेंशन सता रही है। आखिरकार आगे की पढ़ाई हम कहां करें। 8 जुलाई को एनएमसी के निर्देश का इंतजार है। चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में आदेश का भी इंतजार है। शाहपुर निवासी शिवांजली ने बताया कि वह देशभर के स्टूडेंट्स के टच में हैं। प्रोटेस्ट लगातार जारी है। गोलघर निवासी दिव्यांशु शुक्ला बताते हैैं कि उनका फिफ्थ ईयर है। लास्ट ईयर के ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं, लेकिन आगे कॅरियर की चिंता सता रही है। बिछिया निवासी मनु शरण ने बताया कि 14 मार्च से ऑनलाइन क्लास चल रही हैं। थर्ड ईयर की परीक्षा हुई है। जिसमें अच्छे माक्र्स भी मिले। भारत सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय व एनएमसी से अपील है कि भारत के मेडिकल कॉलेज में समायोजित कर भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जाए। पेरेंट मत्स्येंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि एनएमसी के चेयरमैन से मुलाकात की गई है। आश्वासन दिया गया है कि मेडिकल स्टूडेंट्स के भविष्य को लेकर मंथन जारी है।