- 27 मई को घर से तो बुधवार को चेकिंग में बरामद दिखाया

GAGHA/BHALUAN: गगहा पुलिस ने बुधवार को एक 'बड़ा' कारनामा कर दिखाया। पुलिस ने चोरी की ऐसी बाइक के साथ पकड़पुरा निवासी मोनू को गिरफ्तार करने का दावा किया, जिसे वह 27 मई को ही गिरफ्तार कर चुकी थी। पुलिस ने तब इस बाइक को मोनू के घर से बरामद बताया था। बुधवार को उसी बाइक को चेकिंग के दौरान पकड़ा गया बताया। पुलिस ने यह नई कहानी क्यों बनाई, इसके पीछे की वजह लोग तलाश रहे हैं। हालांकि यह तो स्पष्ट है कि ही या तो पुलिस ने पहले झूठ बोला था या अब बोल रही है।

पुलिस की नई कहानी

गगहा थाना पुलिस की नई कहानी के अनुसार, दरोगा संजय सिह अपने हमराहियों के साथ बुधवार को वाहन चेकिंग कर रहे थे। उसी दौरान पकड़पुरा निवासी मोनू पासवान बाइक से पहुंचा। चेकिंग देखते ही उसने निकलने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने रोक लिया। बाइक का कागज दिखाने को कहा तो वह नहीं दिखा सका। कड़ाई से पूछने पर उसने बाइक चोरी का होना कबूल किया। बताया कि बाइक पकरपुरा निवासी वकील निषाद की है जो तीन वर्ष पहले उनके घर के दरवाजे से चोरी की थी। पुलिस ने मोनू पासवान को जेल भेज दिया।

पहले की कहानी

27 मई को गगहा पुलिस ने पकड़पुरा निवासी मोनू पासवान के घर से चोरी की गाड़ी बरामद की। पुलिस के अनुसार, मोनू ने बताया कि तीन चार माह पूर्व किसी ने उसके घर में यह बाइक रख दी थी। उस समय घर पर उसके माता-पिता मौजूद थे लेकिन वह उस व्यक्ति को पहचान नहीं पाए। गाड़ी किसकी है, उसे जानकारी नहीं है। पुलिस बाइक को मोनू के घर से थाने पर लेती गई। बाद में पता चला कि गाड़ी गांव के ही वकील निषाद की थी जो काफी दिन पहले चोरी हो गई थी। पुलिस ने बाइक बरामदगी के बाद भी तब केस दर्ज नहीं किया।

क्या है वजह?

पुलिस ने एक ही बाइक को दो बार बरामद दिखाया, इसकी क्या वजह हो सकती है? यह भी गौर करने वाली बात है कि यदि 27 मई को ही मोनू के घर से चोरी की बाइक बरामद हुई थी तो उस दिन मोनू को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? केस दर्ज क्यों नहीं हुआ? और यदि ऐसी कोई बरामदगी नहीं हुई तो फिर पुलिस ने बरामदगी की सूचना क्यों दी? यदि पुलिस ने किसी तरह मीडियाकर्मियों व अन्य लोगों को पहले ही बरामदगी की जानकारी दे दी तो फिर उसी बाइक को वाहन चेकिंग में बुधवार को बरामदगी क्यों दिखाई? यह भी कहा जा रहा है कि क्षेत्र में कोई वाहन चेकिंग हुई ही नहीं। सवाल यह है कि पुलिस इस केस के पीछे इतनी कहानी क्यों बना रही है? इसका राज क्या है? मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। जब इस बाबत थानाध्यक्ष गिरजेश तिवारी से बात की गई तो वह उलझे नजर आए। बताया कि आज चेकिंग में बाइक पकड़ी गई। 27 मई को केवल सूचना थी। तब मोनू नहीं मिला था। उसके पिता मिले थे। वह भाग गया था। फिर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।