चलो बाजार चलें

- सोने और चांदी के सिक्कों की सबसे ज्यादा डिमांड, गिफ्ट आइटम्स के लिए भी उमड़ रही भीड़

- त्योहार पर तीन गुना हुआ बिजनेस, आम दिनों में होता है 5 करोड़ रुपए का कारोबार

GORAKHPUR: दिवाली से धनतेरस के बीच मार्केट हाइप पर होता है। मगर इस बार दशहरे के बाद मार्केट में थोड़ी सुस्ती आई थी। अब जबकि धनतेरस नजदीक है, मार्केट ने रफ्तार पकड़ ली है। इस धनतेरस ज्वैलरी मार्केट पर खूब 'लक्ष्मीकृपा' बरसने की संभावना है। कारोबारी इसकी सबसे बड़ी वजह सोने-चांदी के दाम में गिरावट को बताते हैं। त्योहार के साथ ही लग्न का सीजन होने से सेल ज्यादा होने के चांसेज हैं।

घटे दाम, बढ़ी रौनक

एचपीजीके के ओनर अनूप सराफ ने बताया कि आमतौर पर सोने और चांदी के जो रेट पितृपक्ष में रहते हैं, वह दिवाली आते-आते बढ़ जाते हैं। यह पहला मौका है, जब दिवाली करीब आने के बाद भी सोने और चांदी के दाम में गिरावट आई है। पितृपक्ष के दौरान जो ज्वैलरी 30 हजार रुपए की मिल रही थी, इन दिनों वह 28,200 रुपए में मिल रही है। ज्वेलरी के घटते दाम को देखते हुए मार्केट में रौनक बढ़ गई है। इस तरह ओवरऑल करीब 10 परसेंट तक ज्वैलरी के रेट में गिरावट आई है।

तीन गुना होगा बिजनेस

कारोबारियों का कहना है कि इस बार मार्केट का जो मिजाज है, उससे जमकर खरीदारी होने की संभावना है। शादी-विवाह की खरीदारी तो लोग कर ही रहे हैं, वहीं धनतेरस आ जाने की वजह से इधर खरीदारी बढ़ गई है। आम दिनों में गोरखपुर जिले में अगर 5 करोड़ रुपए तक का बिजनेस होता था, तो इस धनतेरस 10 से 15 करोड़ तक कारोबार होने की संभावना है। मार्केट में लोग खासतौर पर ज्वैलरी खरीदने के लिए मार्केट में पहुंच रहे हैं।

मार्केट में क्या खास

पूजा का बर्तन - 300 से लेकर 50 हजार तक

सोने के सिक्के - 1 ग्राम से लेकर 50 ग्राम तक

चांदी के सिक्के - 5 ग्राम से लेकर 1 किलो तक

सिल्वर प्लेटेड फ्रेम - 150 से 10000 तक

पूजा थाल सेट - 50000

खरीदारी के समय ध्यान दें

- गोल्डन ज्वैलरीज का सर्टिफिकेट जरूर लें।

- परचेजिंग के बाद इसकी रेसिप्ट की भी जरूर डिमांड करें।

- यह जांच लें कि गोल्डन ज्वैलरी हॉलमार्क है या नहीं।

- इसमें बायबैक गारंटी मिल रही है या नहीं।

- बिना हॉलमार्क सामान अगर सस्ता मिले, तो भी वह महंगा है, क्योंकि उसमें शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है।

- कैरट मीटर पर उसकी शुद्धता की जांच भी जरूर करवाएं।

- ज्वैलरी पर बीआईएस के पांच निशान (कंपनी का लोगो, शुद्धता कोड, हालमार्किंग इयर, दुकानदार का लोगो, हालमार्किंग सेंटर कोड) जरूर देखें।

कोट

मार्केट में दशहरे से लेकर दिवाली के बीच के पीरियड में सोने और चांदी की खूब खरीदारी होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान जितना खर्च करेंगे, उससे बेहतर रिटर्न मिलेगा। इसलिए लोग धनतेरस के दिन कुछ न कुछ जरूर खरीदते हैं। आम दिनों में जिले में 5 करोड़ की ज्वैलरी बिकती है, तो धनतेरस के दिन यह दो से तीन गुना हो जाता है।

- अनूप सराफ, प्रोपराइटर, एचपीजीके