गोरखपुर (ब्यूरो)।यहां के पानी का टीडीएस (टोटल डिजॉल्वड सॉलिड्स) लेवल हमारी बॉडी के लिए हार्मफुल हो सकता है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने गुरुवार को इन सार्वजनिक स्थलों के पानी का टीडीएस लेवल मापा तो चौंकाने वाले रिजल्ट सामने आए।

444, 452 टीडीएस @ जिला अस्पताल

जिला अस्पताल में इमरजेंसी के सामने आरो प्लांट है। जहां टीडीएस मीटर से पानी की शुद्धता की जांच में रिजल्ट 50 आया। जो शुद्ध और पीने योग्य था, लेकिन जब हृदय रोग विभाग के सामने लगे पेयजल के बेसिन के पास पहुंचे और पानी की जांच की तो उसका टीडीएस लेवल 444 था। जो पीने योग्य नहीं था। इतना ही नहीं ओपीडी के मुख्य गेट के पास लगा शीतल पेयजल का टीडीएस लेवल 452 मिला।

357 टीडीएस @ महिला अस्पताल

महिला अस्पताल के आरो प्लांट का बुरा हाल है। यहां गर्म पानी पीने के लिए मरीज और अटेंडेंट मजबूर हैं। जांच में पानी का टीडीएस लेवल 357 मिला। जबकि डेली यहां 500 से 800 मरीज इलाज के लिए आते हैं।

426 टीडीएस @ गोलघर जलकल

गोलघर स्थित जलकल गेट के पास पानी का टैंकर लगा था। सड़क पर ही टैंकर से पानी गिर रहा था। जब उस पानी की शुद्धता की जांच की गई तो टीडीएस लेवल 426 मिला। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शुद्ध पेयजल की जगह जलकल खराब पानी की सप्लाई कर रहा है। इससे लोगों की सेहत पर भी असर पड़ रहा है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जलकल टीडीएस मीटर के माध्यम से पानी की शुद्धता की जांच नहीं करता है।

407, 428 टीडीएस @ राप्तीनगर बस स्टेशन

राप्तीनगर बस स्टेशन में पैसेंजर्स के लिए वॉटर कूलर तो लगे हैं, लेकिन पानी की शुद्धता की जांच नहीं कराई जाती है। जब गिलास में वाटर कूलर का पानी लेकर टीडीएस मीटर से जांच की गई तो 407 टीडीएस लेवल मिली। वहीं, इंडिया मार्का हैंडपंप का डीटीएस लेवल 428 मिला। इस पानी का सेवन रोडवेज कर्मी और पैसेंजर्स के लिए हानिकारक हो सकता है। यहां प्रॉपर पानी की शुद्धता की जांच नहीं होती।

123, 382 टीडीएस @ गोरखपुर बस स्टेशन

गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पर तीन जगह पर पेयजल व्यवस्था है। स्टेशन परिसर के अंदर आरो वॉटर प्लांट लगा है। जब टीडीएस मीटर से पानी की शुद्धता की जांची गई तो 123 टीडीएस लेवल मिला। वहीं, बगल के पेयजल बेसिन के पानी की जांच की गई तो उसका टीडीएस लेवल 382 मिला।

310 टीडीएस @ रेलवे स्टेशन

गोरखपुर जंक्शन पर रोजाना 90 हजार से अधिक पैसेंजर्स का मूवमेंट है। हर प्लेटफार्म पर पेजयल व्यवस्था है। फिर भी पैसेंजर्स को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। जब टीडीएस मीटर से पानी की जांच की गई तो 310 टीडीएस लेवल मिला।

क्या है टीडीएस मीटर

टीडीएस मीटर की मदद से पानी में टीडीएस लेवल का पता लगाया जा सकता है। एक टीडीएस परीक्षण पानी में मदद करता है। हालांकि, यह किसी भी व्यक्तिगल यौगिक या स्रोतों की पहचान नहीं करता है। नतीजतन, पानी में मौजूद दूषित पदार्थो को निर्धारित करने के लिए कुछ अतिरिक्त परीक्षण करना जरूरी है। इसके अलावा यह निर्धारित किया जा सकता है कि पानी में टीडीएस का स्तर शरीर के लिए स्वस्थ या खराब है या नहीं। इसमें मौजूद लवण और यौगिकों के प्रकार के आधार पर टीडीएस कैल्शियम, क्लोराइड, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कार्बोनेट्स और बाइकार्बोनेट सहित विभिन्न प्रकार के लवणों, खनिजों और कार्बनिक यौगिकों की आपूर्ति कर सकते हैं। अधिकांश को खतरनाक माना जाता है और इस्तेमाल करने से पहले उन्हें फिल्टर किया जाना चाहिए।

ऐसे समझें टीडीएस लेवल (मिलीग्राम/लीटर में)

50 से कम इसमें आवश्यक खनिजों की कमी

50-150 पीने योग्य है।

150-350 पी सकते हैं।

350-500 पुअर

500-900 कम स्वीकार्य

900-1200 कम से कम स्वीकार्य

1200-2000 पानी पीने योग्य नहीं

शहर में पेयजल संकट है। जहां है भी वहां की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। सरकारी अस्पताल और रोडवेज बस स्टेशन पर शीतल पेयजल लिखा जरूर है लेकिन पानी पीने योग्य नहीं होता। मजबूरी में प्यास बुझाने के लिए पीना पड़ता है।

हर्ष दुबे

टीडीस के जरिए पानी का लेवल मापना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है। गर्मी में प्यास बुझाने के लिए पानी पीना पड़ता है। अधिक टीडीएस लेवल का पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

अनुराग शुक्ला

पानी का टीडीएस लेवल 50 से 150 के बीच होना चाहिए। यह पानी पीने योग्य होता है। साथ ही सेहत के लिए ठीक होता है। अगर ज्यादा टीडीएस लेवल होता है तो वह पानी सेफ नहीं होता है। इसका स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। ज्यादा पानी पीने से किडन, लीवर, पेट, पाचन शक्ति आदि पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए पानी का टीडीएस लेवल जांच कर ही पानी का सेवन करें।

डॉ। बीके सुमन, सीनियर फिजिशियन जिला अस्पताल